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NEET PG Counselling 2021:सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी, ईडब्ल्यूएस कोटा मामले में फैसला सुरक्षित रखा, पढ़ें डिटेल

NEET PG Counselling 2021: सुप्रीम कोर्ट ने आज पीजी ऑल इंडिया कोटा सीटों (एमबीबीएस/बीडीएस और एमडी/एमएस/एमडीएस) मामले में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटा पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2022 5:57 PM

सुप्रीम कोर्ट ने आज पीजी अखिल भारतीय कोटा सीटों (एमबीबीएस/बीडीएस और एमडी/एमएस/एमडीएस) मामले में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटा पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं से 7 जनवरी, 2022 की सुबह तक अपने उत्तर का संक्षिप्त नोट दाखिल करने को कहा है. याचिका में केंद्र और मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) की 29 जुलाई की अधिसूचना को ओबीसी को 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस छात्रों को अखिल भारतीय कोटा मेडिकल सीटों में 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने को चुनौती दी गई थी.

शीर्ष अदालत ने आज 6 जनवरी को वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार, श्याम दीवान और पी विल्सन की दलीलें सुनीं.

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने तर्क दिया कि आरक्षण की नई व्यवस्था अगले साल से लागू होनी चाहिए. उन्होंने ईडब्ल्यूएस और ओबीसी कोटा को लागू करने के लिए 29 जुलाई की अधिसूचना का उल्लेख किया और कहा कि यह “खेल के नियमों को बीच में बदलने” जैसा है क्योंकि आरक्षण नीति परीक्षाओं की अधिसूचना के बाद पेश की गई थी.

50 प्रतिशत अखिल भारतीय कोटा (AIQ) सीटों के लिए NEET PG काउंसलिंग पिछले साल 25 अक्टूबर से शुरू होने वाली थी, लेकिन MCC ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद इसे स्थगित कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (6 जनवरी) को NEET-PG काउंसलिंग के संबंध में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) कोटा पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा, “नीट पीजी काउंसलिंग राष्ट्रहित में शुरू होनी चाहिए.”

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट NEET PG के लिए काउंसलिंग राउंड में देरी के खिलाफ रेजिडेंट डॉक्टरों के विरोध के मद्देनजर मामले की सुनवाई के लिए केंद्र के तत्काल अनुरोध के बाद याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है. भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा एक तत्काल सूची मांगी गई थी जिसके बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने मंजूरी दे दी थी. बता दें कि अखिल भारतीय कोटा में ईडब्ल्यूएस कोटा के निर्धारण के मानदंड पर फिर से विचार करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर किए जाने के बाद NEET PG काउंसलिंग में देरी हुई. दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) के बैनर तले विभिन्न अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने काउंसलिंग सत्र में देरी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था.

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