नीट पीजी (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर) दाखिले के संबंध में ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के लिए आरक्षण के मामले संबंधी याचिका की सुनवाई आज होनी है. मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट करेगा. बता दें कि केंद्र ने हाल ही में न्यायालय से इस मामले की तत्काल सुनवाई किए जाने का आग्रह किया था.
सुप्रीम कोर्ट आज 5 जनवरी को अखिल भारतीय कोटा मेडिकल सीटों में ओबीसी को 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस छात्रों को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए केंद्र और चिकित्सा परामर्श समिति (एमसीसी) की 29 जुलाई की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा. नीट पीजी काउंसलिंग तब तक शुरू नहीं होगी जब तक शीर्ष अदालत ईडब्ल्यूएस और ओबीसी आरक्षण की वैधता का फैसला नहीं कर लेती
चीफ जस्टिस एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्य कांत एवं न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने केंद्र की ओर से न्यायालय में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के उन अभिवेदनों पर गौर किया कि यह मामला स्नातकोत्तर चिकित्सकीय पाठ्यक्रमों में दाखिले से जुड़ा है और छात्रों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. चीफ जस्टिस ने कहा, ”यदि यह तीन न्यायाधीशों की पीठ का मामला है, तो इसे बुधवार 5 जनवरी को तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा.”
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने सोमवार को केंद्र से कहा था कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण मामले पर तीन न्यायाधीशों की पीठ सुनवाई कर रही है, इसलिए चीफ जस्टिस न्यायाधीशों की अपेक्षित संख्या वाली पीठ का गठन कर सकते हैं.
नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग में देरी को लेकर दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में विभिन्न अस्पतालों के रेंजीडेंट डॉक्टर ‘फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ (फोर्डा) के बैनर तले बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर रहे हैं. ईडब्ल्यूसी आरक्षण तय करने के मापदंड पर पुनर्विचार के केंद्र के फैसले के कारण नीट-पीजी की काउंसलिंग स्थगित कर दी गई थी.
बता दें कि नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग में देरी को लेकर दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में विभिन्न अस्पतालों के रेंजीडेंट डॉक्टर ‘फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ (फोर्डा) के बैनर तले बड़े पैमाने पर लगातार प्रदर्शन कर रहे थे. ईडब्ल्यूएस आरक्षण तय करने के मापदंड पर पुनर्विचार के केंद्र के फैसले के कारण नीट-पीजी की काउंसलिंग भी स्थगित कर दी गई थी.