NEET UG 2024: 13 भाषाओं में होगी नीट यूजी की परीक्षा, दो सेक्शन में पूछे जायेंगे प्रश्न
नीट यूजी में दो सेक्शन में सवाल पूछे जाएंगे. पहले खंड में 40 तो दूसरे में 15 प्रश्न होंगे. दूसरे सेक्शन में 15 में 10 सवालों का उत्तर देना होगा.
NEET UG 2024: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने नीट यूजी के लिए इंफॉर्मेशन बुकलेट जारी कर दी है. परीक्षा की सीनियर निदेशक डॉ साधना पराशर ने बताया कि रजिस्ट्रेशन से पहले अभ्यर्थी सूचना पुस्तिका का बेहतर तरीके से अध्ययन कर लें. प्रश्न पत्र के पैटर्न, सिलेबस, केंद्र वाले शहरों की राज्यवार सूची, आवेदन के दौरान बरती जाने वाली सावधानी सहित सभी जानकारी उपलब्ध है. इस साल चारों विषय में प्रश्न पत्र दो सेक्शन में होंगे. फिजिक्स, केमिस्ट्री, बॉटनी और जूलॉजी के पहले खंड में 35-35 प्रश्न होंगे. सभी विषय के दूसरे खंड में 15-15 प्रश्न होंगे. इनमें से 10-10 प्रश्नों का उत्तर देना होगा. सभी प्रश्नों के लिए चार-चार अंक निर्धारित हैं. गलत उत्तर देने पर एक अंक कम कर दिया जायेगा.
10 से अधिक कोर्स में नामांकन
नीट यूजी की परीक्षा के बाद उसके रैंक से देश के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस सहित 10 से अधिक कोर्स में नामांकन होता है. इसकी रैंक से बैचलर आफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस), बैचरल आफ आयुर्वेदिक सर्जरी एंड मेडिसिन (बीएएमएस), पशु चिकित्सा विज्ञान स्नातक (बीवीएससी), बैचलर आफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीयूएमएस), बैचलर आफ फिजियोथेरेपी (बीपीटी), बैचलर आफ नेचुरोपैथी एंड योगा सिस्टम (बीवाइइएनएस), बैचलर आफ सिद्ध मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएमएमएस), पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन स्नातक (बीवीएससी एंड एएच) कोर्स में नामांकन होता है.
इनमें होता है एडमिशन
कई राज्य के नर्सिंग, फार्मा, बायोटेक्नलॉजी जैसे संस्थान भी नीट यूजी की रैंक के आधार पर नामांकन स्वीकार करते हैं. राज्य के सरकारी एवं निजी मेडिकल कालेजों में नामांकन के लिए बीसीईसीई प्रक्रिया का संचालन करता है. पिछले तीन वर्षों के कटऑफ के अनुसार सामान्य श्रेणी के वैसे ही अभ्यर्थी का सरकारी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस कोर्स में नामांकन हुआ है, जिन्होंने 600 से अधिक अंक प्राप्त किये हैं. एम्स सहित केंद्र द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों में नामांकन के लिए कटऑफ 620 से अधिक अंक रहा है.राज्य में 21 सरकारी एवं निजी मेडिकल कालेजों में 2765 सीटें निर्धारित हैं. पिछले पांच वर्षों में राज्य में एमबीबीएस की सीटों में लगभग दोगुने की वृद्धि हुई है.