NMC: देश के टॉप मेडिकज एजुकेशल रेगुलेटर, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के मानदंडों को आसान बनाने की मांग करते हुए, एक मेडिकल कॉलेज शुरू होने से पहले कम से कम दो साल के लिए फुली फंगश्नल अस्पताल होने की अनिवार्यता में छूट का प्रस्ताव दिया है. यह छूट केवल उन संगठनों पर लागू होगी जिनके पास देश में कहीं और मेडिकल कॉलेज और 1,000 बिस्तरों वाले मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल चलाने का अनुभव है.
मेडिकल कॉलेज रेगुलेशंस के मौजूदा नियम के अनुसार, कॉलेज की स्थापना करने वाले व्यक्ति को एक शिक्षण संस्थान के रूप में विकसित होने में सक्षम आवश्यक बुनियादी सुविधाओं के साथ एक पूरी तरह कार्यात्मक न्यूनतम 300-बेड वाले अस्पताल का स्वामित्व और प्रबंधन करना जरूरी है. अस्पताल कम से कम दो साल से पूरी यानी फुली फंगश्नल होना चाहिए.
अब, एक नये ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में, एनएमसी ने कहा है कि “कम से कम दो साल की अवधि के लिए पूरी तरह कार्यात्मक अस्पताल’ की शर्त उन विश्वविद्यालयों और डीम्ड विश्वविद्यालयों के मामले में लागू नहीं होगी जिनके पास पूरी तरह कार्यात्मक मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज स्थापित करने और चलाने का अनुभव है. साथ ही इसमें कुछ और प्वाइंट एड किये गये हैं जिसमें अस्पताल और मेडिकल कॉलेज दोनों की इमारत का स्वामित्व और प्रबंधन एक ही संगठन द्वारा किया जाता है. प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज के भवन का उपयोग पहले किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया गया है और आवेदन के समय, (इसमें) एक स्थापित मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल है जिसमें कम से कम 1,000 इन-पेशेंट बेड हैं और अन्य सभी रेगुलेशन के मानदंडों को पूरा करते हैं. एनएमसी ने ड्राफ्ट नोटिफिकेशन पर 30 दिनों की अवधि के लिए जनता की राय मांगी है.
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इस कदम को देश भर में मेडिकल सीटों को बढ़ाने की कोशिश के हिस्से के रूप में भी देखा जा रहा है. देश में एमबीबीएस सीटों की संख्या 2014 में सिर्फ 51,000 से बढ़कर 2022-23 बैच के लिए लगभग 92,000 हो गई है. सरकार ने मौजूदा कॉलेजों में सीटों की संख्या में वृद्धि, मौजूदा जिला अस्पतालों के साथ नए कॉलेज स्थापित करने और नए एम्स की स्थापना का समर्थन किया है.