नुसरत नूर ने रचा इतिहास, जेपीएससी परीक्षा में टॉप करने वाली पहली मुस्लिम महिला बनी
नुसरत नूर झारखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा 2022 में पहली रैंक हासिल करने वाली पहली मुस्लिम महिला बन गई हैं. उन्होंने न केवल झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की परीक्षा उत्तीर्ण की, बल्कि प्रतिष्ठित परीक्षा को उत्तीर्ण करने वाले सफल उम्मीदवारों की सूची में सर्वोच्च रैंक भी हासिल की.
नुसरत नूर ने हाल ही में जारी झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के चिकित्सा अधिकारियों की परीक्षा 2022 के परिणाम में पहली रैंक हासिल की है. वे जेपीएससी परीक्षा में टॉप करने वाली पहली मुस्लिम महिला बनकर इतिहास रच दिया. उन्होंने न केवल झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की परीक्षा उत्तीर्ण की, बल्कि प्रतिष्ठित परीक्षा को उत्तीर्ण करने वाले सफल उम्मीदवारों की सूची में सर्वोच्च रैंक भी हासिल की, जिसके परिणाम दो दिन पहले घोषित किए गए थे.
पूरी लगन के साथ परीक्षा की तैयारी की
27 साल की नुसरत नूर ने एक साल पहले मेडिकल कैटेगरी के तहत परीक्षा के लिए आवेदन किया था, जिसके तुरंत बाद आवेदन फॉर्म वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए थे. उन्होंने पूरी लगन के साथ परीक्षा की तैयारी की, पिछले महीने एक साक्षात्कार में शामिल हुई, परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया और अंततः JPSC परीक्षा में टॉप करने वाली पहली मुस्लिम महिला बनी.
मुस्लिम महिलाओं को सिविल सेवाओं में जाने के लिए आगे आना चाहिए
अपनी सफलता के बाद मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण पर नुसरत नूर ने कहा, भागीदारी और पहल महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि परिणाम क्या हो सकता है, मुस्लिम महिलाओं को सिविल सेवाओं में जाने के लिए आगे आना चाहिए.
एक बच्चे की मां नूर न्यूरोलॉजी एक्सपर्ट हैं
यह पूछे जाने पर कि किस चीज ने उन्हें सिविल सेवाओं में जाने के लिए प्रेरित किया, वह कहती हैं कि मैंने देखा कि सरकारी कर्मचारियों में मुस्लिम महिलाओं का प्रतिनिधित्व नगण्य है. अब समय आ गया है कि मुसलमान उच्च शिक्षा प्राप्त करें. विशेष रूप से हमारी महिलाओं को हर क्षेत्र से आने वाले अवसरों को हथियाने में सबसे आगे होना चाहिए. झारखंड के जमशेदपुर शहर में जन्मी और पली-बढ़ी, एक बच्चे की मां नूर न्यूरोलॉजी में विशेषज्ञता के साथ एक चिकित्सक हैं.
सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल, जमशेदपुर से की स्कूली पढ़ाई
जमशेदपुर के सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल में अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद, वह राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस से चिकित्सा विज्ञान में डिग्री हासिल करने के लिए रांची पहुंची. उन्होंने वर्ष 2020 में एमबीबीएस की अपनी डिग्री पूरी की और इसके परिणामस्वरूप, उसी मेडिकल कॉलेज में प्रैक्टिस करने का मौका मिल गया और उनकी भर्ती जूनियर रेजिडेंटशिप के रूप में हुई. इसी दौरान उनकी शादी हो गई. लेकिन शादी उसकी पढ़ाई और अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने के आड़े नहीं आई. वह एक संयुक्त परिवार में रहती हैं, और उनके परिवार के हर सदस्य का पूरा सहयोग मिलता है.
10 से अधिक सदस्यों वाला बड़ा परिवार है ताकत
सफलता के बाद दिये मीडिया इंटरव्यू में उन्हाेंने कहा कि मेरे पति और ससुराल वाले हमेशा उत्साह बढ़ाते और सहयोग करते हैं. मैं एक तरह से भाग्यशाली हूं, ऐसा हर घर में होना चाहिए. मैं कहूंगी कि मेरा परिवार हर दूसरे परिवार के लिए एक रोल मॉडल है जो अपनी बहू का पूरा सपोर्ट करता है. वह 10 से अधिक सदस्यों वाले अपने परिवार को अपनी ताकत और रीढ़ के रूप में देखती हैं.
पति उमर भी हैं डॉक्टर, किया पूरा सपोर्ट
डॉ नुसरत नूर के पति मोहम्मद उमर भी एक डॉक्टर और सर्जन हैं. वह उसके पूरे सफर के दौरान हमेशा उसके साथ रहे. वह कहती हैं मेरे पति ने हमेशा मुझे प्रेरित किया है. उन्होंने भूमिकाओं को बदल दिया और मेरे घर के कामों तक में मेरी मदद की. मेरे पढ़ने के लिए टाइम टेबल बनाने से लेकर हमारे दो साल के बच्चे की देखभाल करने तक, मेरे लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्होंने हर संभव कोशिश की.