BPSC 68वीं प्रारंभिक परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू, ऐसे करें तैयारी

BPSC 68th Online form: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने 281 पदों के लिए 18 नवंबर, 2022 को 68वीं बीपीएससी परीक्षा की अधिसूचना जारी कर दी है, जिसकी प्रारंभिक परीक्षा 12 फरवरी, 2023 को निर्धारित है. इस परीक्षा के लिए अभ्यर्थी 20 दिसंबर, 2022 तक आवेदन कर सकते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 1, 2022 1:38 PM
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बिहार लोक सेवा आयोग ने बीपीएससी 68वीं संयुक्त प्रतियोगिता प्रारंभिक परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है. बिहार प्रशासनिक सेवा में जाने का इरादा रखनेवाले युवाओं के लिए यह एक बेहतरीन मौका है अपनी मंजिल की ओर कदम बढ़ाने का. इस परीक्षा के माध्यम से बिहार में विभिन्न पदों पर कुल 281 रिक्तियां भरी जायेंगी. बीपीएससी 67वीं मुख्य परीक्षा की तिथि भी घोषित कर दी गयी है. प्रारंभिक हो या मुख्य परीक्षा, सफलता के लिए अपनी तैयारी को मुकम्मल करने का समय आ गया है. इस समय को कैसे आप अपनी मंजिल तक पहुंचने का आधार बना सकते हैं, बता रहे हैं हमारे एक्सपर्ट…

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने 281 पदों के लिए 18 नवंबर, 2022 को 68वीं बीपीएससी परीक्षा की अधिसूचना जारी कर दी है, जिसकी प्रारंभिक परीक्षा 12 फरवरी, 2023 को निर्धारित है. इस परीक्षा के लिए अभ्यर्थी 20 दिसंबर, 2022 तक आवेदन कर सकते हैं. उल्लेखनीय है कि पहली बार 68वीं बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग की पद्धति लागू की जा रही है, जो इस परीक्षा की तैयारी करनेवाले अभ्यर्थियों के लिए एक नया अनुभव होगा. वैसे, नेगेटिव मार्किंग पद्धति का आधार क्या होगा, इसे अभी स्पष्ट नहीं किया गया है. अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि रिक्त पदों की संख्या घट-बढ़ सकती है, जिसका संकेत है कि परीक्षा से पहले सीटों की संख्या में बढ़ोतरी होगी. अतः अभ्यर्थी कम सीटों को देखकर परेशान न हों. इस बार बीपीएससी परीक्षा नेगेटिव मार्किंग पद्धति पर आधारित होगी. जाहिर-सी बात है कि अब अभ्यर्थियों को अपनी तैयारी संबंधी रणनीति बदलनी होगी. जानें कि यह रणनीति क्या हो और परीक्षा में सफलता के लिए अभ्यर्थियों को किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए.

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  • पहली बार नेगेटिव मार्किंग पद्धति पर आधारित होगी बीपीएससी परीक्षा. सफलता के लिए बनाएं नयी रणनीति प्रारंभिक परीक्षा में सफलता के लिए अब अभ्यर्थियों को 120 अंक प्राप्त करने का लक्ष्य लेकर चलना होगा. वैसे, नेगेटिव मार्किंग में कट-ऑफ स्कोर कम भी जा सकता है.

  • नेगेटिव मार्किंग पद्धति से अमूमन गंभीर अभ्यर्थियों को लाभ मिलता है और यह बीपीएससी परीक्षा के लिए जरूरी भी था, क्योंकि यहां परीक्षा के लिए आवेदन करने से लेकर सफल होने तक अधिकतर अभ्यर्थी अगंभीर किस्म के होते हैं. प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्नों का पैटर्न ऐसा होता है कि ‘वनडे’ अथवा एसएससी परीक्षा की तैयारी करनेवाले छात्र भी इसमें सफल हो जाते हैं, जो मुख्य परीक्षा के लिए तैयार नहीं होते. इसका सीधा नुकसान गंभीर अभ्यर्थियों को होता है, जो बीपीएससी को ही अपना लक्ष्य बनाकर तैयारी करते हैं.

  • इस परीक्षा की तैयारी के लिए अभी आपके पास लगभग 75 दिन हैं, जो कम नहीं हैं, लेकिन फिर भी इसका उपयोग दो हिस्सों में करना चाहिए- पहला, जो खंड अथवा टॉपिक नहीं पढ़ा है, उसे तैयार करना चाहिए और दूसरा, जितना पढ़ें उतना ही प्रतिदिन प्रैक्टिस भी करें.

  • वैसे तो आप सामान्य अध्ययन के प्रत्येक खंड को बराबर महत्व देते हुए अपनी स्टडी करें, लेकिन कुछ खंडों को अपेक्षाकृत अधिक महत्व दें. परीक्षा पैटर्न के विश्लेषण से यह स्पष्ट है कि बीपीएससी कुछ खंडों से अधिक प्रश्न पूछता रहा है. जैसे-करेंट अफेयर्स से लगभग 30-35 प्रश्न, इतिहास से लगभग 40 प्रश्न, जिसमें बिहार के इतिहास से 5-6 प्रश्न और सामान्य विज्ञान से लगभग 30 प्रश्न, मैथ्स से 10 प्रश्न. इस तरह, यदि आप इन खंडों को ठीक से तैयार कर लेते हैं, तो लगभग 100-110 प्रश्नों की तैयारी हो जाती है. शेष प्रश्नों के लिए पॉलिटी, इकोनॉमी और जियोग्राफी को तैयार करें, जिनमें सभी से औसतन 10-15 प्रश्न पूछे जाते हैं.

  • कभी भी दुर्लभ तथ्यों या प्रश्नों को लेकर परेशान न हों क्योंकि मुश्किल से 10-12 सवाल ही दुर्लभ तथ्यों पर आधारित होते हैं, जबकि कुछ अभ्यर्थी इन्हीं की तलाश में अपना बहुत अधिक समय गवां देते हैं.

    परीक्षा की प्रैक्टिस के दौरान पिछले वर्षों के प्रश्नों को जरूर हल करें. यह प्रश्नों के पैटर्न को समझने में सहायक होता है. साथ ही, इससे कुछ ऐसे प्रश्नों की भी जानकारी होती है, जिसके उत्तर बीपीएससी द्वारा दिये गये हैं और वही सही माने गये हैं.

    निश्चित सफलता के लिए जो भी पढ़ें, ठोस पढ़ें और उसकी मूल अवधारणा (कोर) को समझने की कोशिश करें. इस परीक्षा में उत्तर जानते हुए भी दबाव के कारण ‘कंफ्यूजन’ होता है. विषय की मूल अवधारणा को समझने अथवा स्पष्ट करने के लिए अपने मित्र-मंडली में ग्रुप डिस्कशन जरूर करें.

  • प्रारंभिक परीक्षा में करेंट अफेयर्स का महत्व बढ़ा है. ऐसे में पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी, जैव विविधता एवं जलवायु परिवर्तन, सरकारी योजनाएं, अंतरराष्ट्रीय संगठन, विभिन्न आंकड़ों, इंडेक्स और रिपोर्ट्स एवं बिहार राज्य से संबंधित तथ्यों को देखना जरूरी है.

  • आसान लगनेवाले प्रश्नों को दोबारा जरूर देखें, क्योंकि यहां गलती की संभावना अधिक होती है. अब नेगेटिव मार्किंग में कम-से-कम गलती करनी होगी, वरना स्कोर कम हो सकता है.

  • तैयारी के दौरान परीक्षा पैटर्न, कट-ऑफ मार्क्स आदि विषयों को लेकर मन में कोई भय या अफसोस जैसे नकारात्मक भाव न रखें.

  • परीक्षा की तैयारी के लिए अध्ययन-स्रोत का प्रश्न है, तो मेरा सुझाव होगा कि आप एनसीईआरटी, लुसेंट बुक्स, महेश बरनवाल की भूगोल, पॉलिटी और इकॉनमी प्रतियोगिता दर्पण के अतिरिक्तांक, इतिहास के लिए किरण प्रकाशन का विशेषांक और बिहार के इतिहास के लिए बिहार पर प्रकाशित कोई पुस्तक देख सकते हैं.

  • आने वाले 75 दिनों की स्पष्ट रणनीति बनायें और उसके अनुरूप तैयारी करें. याद रखें कि अंतिम दिनों की गंभीर तैयारी ही निर्णायक होती है.

ऐसे करें आवेदन

  • ऑनलाइन आवेदन करना है. आवश्यक निर्देश आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं.

  • अंतिम तिथि : 20 दिसंबर, 2022.

  • विवरण देखें : https://www.bpsc.bih.nic.in/Advt/NB-2022-11-18-05.pdf

बीपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए टिप्स

मुख्य परीक्षा एक निर्णायक परीक्षा है और इसके अंक ही आपकी सफलता को सुनिश्चित करेंगे. इसके अंक आपके साक्षात्कार की क्षतिपूर्ति करने में भी सहायक हो सकते हैं. अतः इन कुछ उपयोगी टिप्स पर जरूर ध्यान दें –

  • अब जबकि बहुत कम समय बचा है, आप प्रतिदिन उत्तर लेखन अभ्यास पर अधिक फोकस करें.

  • सिलेबस के सभी टॉपिक्स को देखने की बजाय उन टॉपिक्स की प्रैक्टिस करें, जिनसे हमेशा प्रश्न पूछे जाते हैं और ऐसे टॉपिक्स पिछले साल के प्रश्न पत्रों को देखकर आसानी से पहचाने जा सकते हैं.

  • बीपीएससी का ट्रेंड यह है कि वह परंपरागत प्रश्नों को ही नये तरीके से पूछता है, अतः प्रश्न के कोर को ठीक से समझें.

  • हाल के सर्वाधिक चर्चित मुद्दों को जरूर देखें, क्योंकि वहां से प्रश्न आने की संभावना रहती है.

  • उत्तर लेखन में अपना अप्रोच संतुलित रखें. किसी भी प्रकार के वैचारिक पूर्वाग्रह या अतिवाद से बचते हुए उत्तर लिखें.

  • उत्तर लिखते हुए स्पष्टता लाने के लिए आप अपने उत्तर में ग्राफ, डायग्राम, चार्ट्स, मैप, रिपोर्ट्स, हालिया उदाहरण आदि का उपयोग जरूर करें, इससे आपके मार्क्स में इजाफा होगा.

  • मुख्य परीक्षा में सभी प्रश्नों के उत्तर लिख देना ही एक बड़ी चुनौती है. अतः अब किसी अच्छी कोचिंग के नोट्स अथवा किसी सफल अभ्यर्थी के नोट्स पर निर्भर होने की बजाय खुद पर भरोसा रखते हुए अपने नोट्स को ही आधार बनाएं.

  • यह भी देखने को मिलता है कि कुछ अभ्यर्थी परीक्षा के दबाव में परीक्षा छोड़ने की भी सोचते हैं. याद रखिए, परीक्षा का सिलेबस ऐसा है कि वह कभी भी पूरा नहीं हो सकता, चाहे आपको जितना समय दिया जाये, इसलिए पूरे जोश में तैयारी करें.

  • अंत में, यह ध्यान रखें कि आपका उत्तर सामान्य हो, मगर प्रश्न की मांग के अनुरूप, संतुलित और तार्किक होना चाहिए.

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