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ऑनलाइन लर्निंग से युवा हो सकते हैं भविष्य के लिए तैयार

आये दिन अपडेट होनेवाली टेक्नोलॉजी के चलते दुनियाभर में काम का तरीका तेजी से बदल रहा है, जिससे देश ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर कुशल कार्यबल की भारी कमी सामने आ रही है. इस दिशा में सुधार तभी संभव है, जब शिक्षा के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाये. ऐसे में ऑनलाइन लर्निंग जॉब मार्केट की जरूरत के अनुसार छात्रों के विकास के साथ स्किल्ड प्रोफेशल्नस को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.

By दिल्ली ब्यूरो | August 13, 2020 5:30 PM
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आये दिन अपडेट होनेवाली टेक्नोलॉजी के चलते दुनियाभर में काम का तरीका तेजी से बदल रहा है, जिससे देश ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर कुशल कार्यबल की भारी कमी सामने आ रही है. इस दिशा में सुधार तभी संभव है, जब शिक्षा के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाये. ऐसे में ऑनलाइन लर्निंग जॉब मार्केट की जरूरत के अनुसार छात्रों के विकास के साथ स्किल्ड प्रोफेशल्नस को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.

कौशल में निखार का बेहतरीन विकल्प

देश के युवाओं के लिए ऑनलाइन लर्निंग अपना कौशल बढ़ाने का सबसे किफायती विकल्प साबित हो सकता है. इंटरनेट सक्षम किसी भी डिवाइस पर चौबीस घंटे कोर्स उपलब्ध होने से ऑनलाइन लर्निंग नये कौशल सीखने और पुराने को निखारने में मददगार है. ऐसे में कर्मचारी भावी संभावनाओं को आंकते हुए खुद को उसके अनुरूप तैयार कर सकते हैं.


तैयार करने होंगे अधिक-से-अधिक ऑनलाइन कोर्स


छात्रों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार को एंटरप्राइज रिसोर्स प्रोग्राम्स शुरू करने की योजना बनानी होगी, जिससे डिजिटल डाटा को छात्रों और शिक्षकों के अनुकूल बनाने के संसाधन विकसित किये जा सकें. शिक्षण संस्थानों को ई-मटीरियल, ऑनलाइन कोर्स के कंटेंट, वीडियो और ऑडियो लेक्चर को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल कोर्सेज तैयार करने होंगे. साथ ही गरीब वर्ग के छात्रों को मोबाइल लर्निंग से जुड़ने के संसाधन उपलब्ध कराने होंगे. इसके लिए ऑनलाइन शाॅर्टटर्म डिप्लोमा और नैनो डिग्री कार्यक्रमों को भी बढ़ावा देना होगा.

वर्चुअल क्लासरूम को देना होगा बढ़ावा


युवाओं को भावी संभावनाओं के लिए तैयार करने के लिए संस्थानों को वर्चुअल क्लासरूम को बढ़ावा देना होगा, ताकि छात्रों को देश-दुनिया के नामी विशेषज्ञों का मार्गदर्शन मिल सके. वे उनसे लाइव सवाल-जवाब कर सकें. ऐसा करने से देश के छात्रों को वैश्विक स्तर पर ज्ञान प्राप्त करने का मौका मिलेगा. वे किसी भी देश के अनुभवियों से सलाह ले सकेंगे और आनेवाली चुनौतियों के लिए खुद को तैयार कर सकेंगे.

लांच करने होंगे मान्यताप्राप्त कोर्स

भारत को ऐसे कोर्स तैयार करने होंगे, जिन्हें वैश्विक स्तर पर मान्यताप्राप्त हो. जैसा कि गूगल ने कोर्सेरा के साथ मिलकर आईटी सपोर्ट प्रोफेशनल सर्टिफिकेट कोर्स तैयार किया है. ऐसे कोर्सेज के माध्यम से उन लोगों के लिए आगे बढ़ना आसान हो जायेगा, जो किसी महंगे कॉलेज की डिग्री नहीं ले सकते, लेकिन वे कार्य करने में पूरी तरह से निपुर्ण हैं. ऐसे ऑनलाइन कोर्सेज के माध्यम से भारत के वे युवा आगे बढ़ सकेंगे, जो आर्थिक समस्याओं के चलते बड़े संस्थानों में दाखिला नहीं ले सकते, लेकिन टेक्नोलॉजी को समझने एवं सीखने का अच्छा गुण रखते हैं.

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