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ऑनलाइन स्टडी में अभिभावकों का साथ है जरूरी

कोविड-19 के चलते पूरा दिन घर में रहना और रोजाना आयोजित होनेवाली ऑनलाइन क्लासेज में ध्यान केंद्रित करना छात्रों के लिए आसान नहीं है. ऐसे में अभिभावक इस मुश्किल समय को आसान बनाने में उनका साथ दे सकते हैं.

कोविड-19 के चलते पूरा दिन घर में रहना और रोजाना आयोजित होनेवाली ऑनलाइन क्लासेज में ध्यान केंद्रित करना छात्रों के लिए आसान नहीं है. ऐसे में अभिभावक इस मुश्किल समय को आसान बनाने में उनका साथ दे सकते हैं.

शिड्यूल तैयार करने में करें मदद : कोरोना लॉकडाउन का असर बच्चों की दिनचर्या पर भी पड़ा है. ऐसे कई छात्र हैं, जो लॉकडाउन को स्कूल से मिलनेवाली अतिरिक्ति छुट्टियां मान बैठे हैं. वे इस वक्त न तो, समय पर सो रहे हैं और न ही सुबह जल्दी उठ रहे हैं. सबसे पहले तो अभिभावकों को बच्चों की दिनचर्या में आये इस परिवर्तन को वापस से पहले की तरह बनाना होगा. उन्हें यह समझाना होगा कि इस दौरान जो वक्त उन्हें मिला है, उसमें वे खुद को आगे की पढ़ाई के लिए तैयार कर सकते हैं. अभिभावकों का मार्गदर्शन छात्रों में ऑनलाइन क्लासेस के प्रति गंभीरता विकसित करने में सहायक होगा.

समस्याओं पर करें बात : बहुत से छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लासेज का हिस्सा बनना एक नया अनुभव है. ऐसे में अभिभावक बातचीत के दौरान बच्चों से यह पूछ सकते हैं कि इस माध्यम से पढ़ना उन्हें कैसा लग रहा है. वे ऑनलाइन क्लासेज को लेकर किसी समस्या का सामना तो नहीं कर रहे. यदि ऐसा है, तो संस्थान व शिक्षक से बात करके वे छात्र की समस्या को सुलझाने का प्रयास कर सकते हैं.

आरामदेह हो बैठने की जगह : पढ़ाई के अलावा अभिभावकों को इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि छात्र जिस जगह से ऑनलाइन क्लास में हिस्सा ले रहा है, वह उसके लिए आरामदेय है या नहीं. ऑनलाइन क्लास के दौरान असहज महसूस करने से छात्र का ध्यान पढ़ाई से भटक सकता है. बिस्तर या सोफे पर बैठ कर शोर-शराबे की बीच पढ़ाई करने की बजाय आप छात्र को एकांत में आरामदेय कुर्सी व मेज पर बैठ कर पढ़ने को कहें.

सेहत पर दें ध्यान : विशेषज्ञों के अनुसार लगातार कंप्यूटर व लैपटॉप की स्क्रीन पर देखने से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इससे उनमें आत्मसंयम की कमी, जिज्ञासा में कमी, भावनात्मक स्थिरता न होना, ध्यान केंद्रित न कर पाना, आसानी से दोस्त नहीं बना पाना, जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में अभिभावकों को छोटी-छोटी फिजिकल एक्टिविटीज में छात्रों को शामिल करने के प्रयास करने होंगे. उन्हें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि बच्चे ऑनलाइन क्लास के बाद मोबाइल या टीवी पर कम से कम समय बितायें.

आंखों का रखें विशेष ख्याल : स्कूलों द्वारा आयोजित की जानेवाली ऑनलाइन क्लासेज का असर बच्चों की आंखों पर न पड़े, इसके लिए अभिभावक बच्चों को हर 15 मिनट के अंतराल में एक मिनट के लिए आंखे बंद करने के लिए कहें. इससे आंखों को आराम मिलेगा. बच्चे के बैठने का पॉश्चर बिल्कुल ठीक रखें. स्क्रीन और बच्चे की आंखों का लेवल बराबरी पर होना चाहिए. पीठ और सिर सीधे रहें. स्क्रीन को बच्चे से दो फीट की दूरी पर रखें.

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