पीएम मोदी ने कहा हम सभी को दुनिया में पी3 मुवमेंट चलाने की जरूरत है. यानी प्रकृति के संरक्षण करने वाले लोगों की जरूरत है.
भारत की तरक्की को कायम रखने के लिए हमारी पीढ़ी को क्या करना चाहिए? पर्यावरण की सुरक्षा, संरक्षण के लिए हम क्या करें? हम अपने पार्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित रखने के लिए क्या करें? इस प्रश्न पर पीएम मोदी ने कहा कि ये पश्न परीक्षा पे चर्चा से जुड़ा नहीं लेकिन फिर भी अच्छी परीक्षा के लिए अच्छे पर्यावरण की जरूरत होती है. धरती हमारी मां है. हमें अपने आसपास के पर्यावरण को स्वच्छ रखना जरूरी है. स्वच्छ भारत अभियान की सफलता श्रेय पीएम मोदी ने देश के बालक-बालिकाओं को दिया. कहा- आज पूरा विश्व ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण परेशान है इसका कारण है संसाधनों का गलत इस्तेमाल. हमारा दायित्व है संसाधनों का संरक्षण करना. जो संसाधन हमें हमारे पुर्वजों ने दिया वैसे ही हमें आनेवाली पीढ़ी के लिए इन संसाधनों को बचाना हमारा दायित्व है.
ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं की प्रगति की दिशा के बारे में क्या सोचते हैं इस प्रश्न पर पीएम मोदी ने कहा कि आज ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं की स्थिति बदली है. समाज बेटियों के सामर्थ्य को जानने में पीछे रह गया तो वह समाज कभी आगे नहीं बढ़ सकता. मैंने ऐसी कई बेटियां देखी हैं जिसने अपनेमाता-पिता की सेवा में जिदंगी खपा दी जा बेटा नहीं कर सका. ऐसे भी परिवार हैं जिसमें 4 बटे हैं माता-िपता ने हर सुख सुविधा दी लेकिन आज वे माता-पिता वृद्धाश्रम में अपना जीवन गुजार रहे. आज हर परिवार के लिए बेटी एक ऐसेट्स बन गई हैं. टीचिंग, नर्सिंग में बेटियों का दबदबा है.
वर्तमान में एकेडमिक फील्ड में कई तरह के कंपीटिशन है तैयारी को लेकर फोकस कैरे करें? इस साल कॉलेज के एडमिशन की प्रक्रिया में कई बदलाव लाए गए हैं वहीं बोर्ड एग्जाम में भी बदलाव हुए हैं हम कॉलेज एडमिशन, एग्जाम के बीच फोकस कैसे करें? पीएम मोदी ने कहा कि एग्जाम के लिए एग्जाम के समय पढ़ना सही नहीं इसकी तैयारी पहले से होनी चाहिए. आपने अच्छी तैयार की है तो एग्जाम का स्वरूप कैसा है यह रूकावट नहीं. कंपीटिशन का भी ऐसा ही है उसके बारे में टेंशन लेने की जरूरत नहीं. जिंदगी में कंपीटिशन को निमंत्रण दें. यह जीवन को आगे बढ़ाने का माध्यम होता है. आज कंपीटिशन ज्यादा है तो अवसर भी अनेक हैं. पहले कंपीटिशन कम थे तो अवसर भी सीमित थे. जीवन में सफलता के लिए ज्ञान को आत्मसात करें.
झारखंड, रामगढ़ की 10वीं की छात्रा श्वेता ने पूछा मैं रात में अच्छी तरह से पढ़ने की इच्छा होती है लेकिन सभी मुझे दिन में पढ़ने कहते हैं मै क्या करूं? इस प्रश्न पर पीएम मोदी ने कहा कि यह सभी को समझना चाहिए कि जो कर रहा हूं उसका आउटकम या आउटपूट क्या है. हम इसका हिसाब-किताब लगा सकते हैं. कई लोग जो अच्छा लगता है सिर्फ वही पढ़ते या करते हैं लेकिन जो कठिन लगता है उसे नहीं करना चाहते. या उसपर कम ध्यान देते हैं. बॉडी की तरह मन भी कई बार चीटिंगग करता है लेकिन मन को चीटिंग करने से रोकना है. मन चीटिंग करता है तो उसे वापस खीच कर लाएं उसे चीटिंग करने से रोकें. पढ़ाई के समय सबका अपना-अपना कंफर्ट होता है कोई दिन को तो कोई रात को पढ़ना पसंद करता है. लेकिन इस बात का लोड लेने की जरूरत नहीं आप जैसे अच्छी तरह से पढ़ सकते हैं वैसे पढ़ें लेकिन ध्यान रखें कि आपका ध्यान पढ़ाई में ही हो.
जब शिक्षक हमें पढ़ाते हैं तो हम समझ जाते हैं लेकिन कुछ समय बात हम भूल जाते हैं इसका समाधान बातएं? परीक्षा हॉल में पढ़े प्वाइंट्स भी भूल जाते हैं जबकि दोस्तों के साथ बात करते समय वह याद रहते हैं क्या करें? स्मरण शक्ति से संबंधित प्रश्न के जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पढ़ाई करते समय अपका ध्यान कहां है आपकी स्मरण शक्ति इस बात पर निर्भर करती है. ध्यान को इतनी सरलता से स्वीकार कीजिए यह कोई रॉकेट साइंस नहीं है. जब आप पढ़ रहे हैं तो सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान रखें. उस पल को जीने की कोशिश करें तो वह पल आपकी शक्ति बन जाता है. आप जो भी करें उस वर्तमान को जीयें इससे भविष्य के लिए कोई प्रश्न नहीं रहेगा.
पीएम मोदी बोल- क्या अप ने कभी खुद की परीक्षा ली है. आप एग्जाम को लेटर लिखें अपनी तैयारियों के बारे में लिखें. परीक्षा से कहें तुम कौन होते हो मेरा एग्जाम लेने वाले मैं तुम्हारा एग्जाम लुंगा. यानी अपनी परीक्षा खुद लें. रीप्ले करने की आदत बनाएं. जैसे आप क्लास में जो सीख कर आये हो वह अपने दोस्तों को शिक्षक बन कर एक-दूसरे का सीखाएं आप आसानी से नई बिंदूओं को मार्क कर पाएंगे और वह विषय आपका अपना बन जाएगा.
दिल्ली के केंद्रीय स्कूल 10वीं के छात्र वैभव कनोजिया व एक अभिभावक सुजित, जयपुर के 12वीं की छात्रा कोमल ने पूछा कि यदि बैकलॉग लग जाए तो अपने आप को कैसे मोटिवेट करें? अपने एग्जाम के डर को या परीक्षा पर अच्छी तैयारी नहीं है इस डर को कैसे दूर करें? इसी तरह के प्रश्नों का उत्तर देते हुए पीएम मोदी बोले कि कोई यह सोचता हो कि मोटिवेशन का कोई इंजेक्शन मिलता हो और हम वह इंजेक्शन लगवा दें तो मोटिवेशन मिल जाएगी तो यह बहुत बड़ी गलती होगी. आप खुद को गौर करें कि वो कौन सी बात है जिससे आप डीमोटिवेट हो जाते हैं आप अपने आप को परखें फिर आप यह कोशिश करें कि वे कौन सी बातें हैं जो आपको सहज रूप से मोटिवेट करती है. आप देखेंगे कि आप अचानक अलग तरीके से सोचना शुरू करने लगेंगे. अपना एनालिसस जरूर करें दूसरों की मदद के चक्कर में पड़ें. अपनी निराशा,हताशा का उपाय खुद निकालें.
आप पर प्रेशर है टीचर का, पैरेंट्स का इसलिए बच्चों के मन में उलझन है कि उनके मन की करें कि अपने मन की. पैरेंट्स, टीचर्स से कहा- कृपा करके आप मन में सपने लेकर जीतें है या अपने अधूरे सपने अपने बच्चों के माध्यम से पूरा करना चाहते हैं ऐसा न करें. ऐसा करके आप अपने बच्चों को उलझन में डालते हैं. आज पैरेंट्स को नहीं पता उनका बच्चा क्या कर रहा, शिक्षक को अपने सिलेबस से मतलब है ऐसे में बच्चों की रुचि, अपेक्षा, आकांक्षा को नहीं परख्ते और उन्हें बिना इंटेस्ट वाले रास्ते में धकेलते हैं इससे बचने का प्रयास करें. माता-पिता को स्वीकारना होगा कि हर बच्चे में उसकी कुछ विशेष स्ट्रेंथ होती है अपकी कमी है कि आप उसके स्ट्रेंथ को पहचान नहीं पा रहे उसे समझ नहीं पा रहे.
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के प्रश्न पर पीएम मोदी बोले करीब 6 से 7 सालों तक हर स्तर पर विशद चर्चा के बाद ड्रॉफ्ट बना. उसे फिर लोगों के बीच भेजा गया. फिर चर्चा हुई और तब यह पॉलिसी सामने आई. मुझे खुशी है कि इस पॉलिसी का देश के हर तबके ने स्वागत किया. देश के लाखाें लोगों यानी छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों, एक्सपर्ट ने इसे बनाया है इसे सरकार ने नहीं बनाया. खेल को इस पॉलिसी में एजुकेशन का हिस्सा बना दिया गया. खुलना चाहते हैं तो खेल जीवन में बहुत जरूरी है. इससे टीम स्प्रीट, प्रतिस्पर्द्धा को समझने की क्षमता आती है. जिसे शिक्षा में शामिल किया गया. क्या 20वीं सदी की सोच और व्यवस्था के साथ क्या हम 21वीं सदी में आगे बढ़ सकते ? नहीं बढ़ सकते इसलिए 21वीं सदी के अनुरूप अपनी नीतियों,व्यवस्थाओं को ढालना जरूरी. एजुकेशन संस्थानों से पीएम मोदी बोले NEP की बारीकियों को जमीन पर उतारे के नए तरीके डेवलप करें इससे अवसर के द्वार खुलेंगे.
दिन भर में कुछ ऐसे पल निकालिए जब आप ऑनलाइन, ऑफलाइन नहीं खुद से जुड़ें. एकाग्रता महत्वपूर्ण है.
Pariksha Pe Charcha 2022 LIVE: कई बार माध्यम समस्या नहीं बल्कि मन समस्या बन जाता है. ऑनलाइन पाने के लिए है ऑफलाइन बनने के लिए है. कितना ज्ञान पाना है वो आप ऑनलाइन माध्यम से दुनिया के किसी भी कोने से ले प्राप्त कर सकते हैं. वहीं ऑफलाइन माध्यम से आपने जो पाया है उसे सहेज सकते हैं.
पीएम मोदी ने कहा अप पहली बार एग्जाम नहीं देने जा रहे. कई बार परीक्षा से गुजर चुके हैं. ये तो अब किनारा है फिर भय कैसा. परीक्षा जीवन का एक हिस्सा है.
प्रश्न- जब घबराहट की स्थिति में होते हैं तो परीक्षा की तैयारी कैसे करें
प्रश्न- छत्तीसगढ़ के श्रीधर का प्रश्न था- परीक्षा संबंधी तनाव से कैसे निपटूं
अच्छे ग्रेड नहीं आए तो परिवार की निराशा से कैसे उबरूं
प्रश्न-केनी ने भी परीक्षा के तनाव से निपटने के उपाय पीएम मोदी से पूछे
पीएम मोदी ने कहा एग्जाम को टेंशन का नहीं बल्कि त्योहार का कार्यक्रम बना दें. त्योहारों की तरह उसमें रंग भर दें इस बात पर चर्चा करेंगे.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के संबोधन के बाद नरेंद्र मोदी का संबोधन शुरू हुआ. पीएम मोदी ने कहा यह मेरा बहुत प्रिय कार्यक्रम है लेकिन कोरोना के कारण आपसब से मिल नहीं पाया.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तालकटोरा स्टेडियम में मौजूद पीएम मोदी समेत सभी छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों व अन्य लोगों का स्वागत करते हुए, कोरोना और वर्तमान स्थिति पर अपनी बातें रखीं. उन्होंने कोरोना के बाद दोबारा शुरू हुए स्कूलों को एक बड़ी उपलब्धि बताया.
पीएम नरेंद्र मोदी आज परीक्षाओं की तैयारी के तरीकों, तनाव प्रबंधन आदि के बारे में पूरे भारत के छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ बातचीत करेंगे. ‘परीक्षा की बात, पीएम के साथ’. शिक्षा मंत्रालय के अनुसार परीक्षा पे चर्चा एक बड़े आंदोलन ‘एग्जाम वॉरियर्स’ का हिस्सा है.
तालकटोरा स्टेडियम पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले छात्रों द्वारा तैयार प्रर्दशनी देखी.
इस बार परीक्षा पे चर्चा का 5वां संस्करण है. परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम 2018 में शुरू हुआ और हर साल हजारों छात्रों को अपने विचारों और आकांक्षाओं को प्रधानमंत्री के साथ साझा करने का अवसर मिलता है. लाखों लोग ऑनलाइन माध्यम से प्रधानमंत्री से जुड़ते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी तालकटोरा स्टेडियम नई दिल्ली पहुंच गए हैं. कुछ ही देर में परीक्षा पर चर्चा शुरू होगी.
Ready and steady to go!
Hon’ble PM @narendramodi ji’s #ParikshaPeCharcha begins at 11:00 AM. Come, hang out with PM Modi.
You can watch it live on my social media channels, @DDNational, other TV channels and @mygovindia. https://t.co/O3NsyGRD4z. pic.twitter.com/J93gjOkW7x
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) April 1, 2022
इस विषय में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इस कार्यक्रम में मोदी छात्रों को परीक्षा के तनाव से मुक्ति के तरीके बताएंगे. बता दें कि स्कूल और कॉलेज के छात्रों के साथ प्रधानमंत्री के इस संवाद कार्यक्रम का पहला संस्करण भी तालकटोरा स्टेडियम में ही 16 फरवरी, 2018 को आयोजित किया गया था.
परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम पर प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि, ‘हर युवा जिस संवाद का इंतजार कर रहा है वह एक अप्रैल 2022 को होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तनाव को कम करने और परीक्षा में सफल होने के तरीके जानिए और सलाह लीजिये. परीक्षा योद्धा, माता पिता और शिक्षक पीपीसी 2022 के लिए तैयार हो जाइये.’
शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा पिछले चार सालों से यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. परीक्षा पे चर्चा के पहले तीन संस्करण दिल्ली में टाउनहॉल फॉर्मेट में आयोजित किये गए थे. चौथा संस्करण पिछले साल सात अप्रैल को आयोजित हुआ था.
Parsiksha Pe Charcha 2022 By Prime Minister Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा’ (Pariksha Pe Charcha 2022) कार्यक्रम के पांचवें संस्करण का आयोजन आज तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली (New Delhi) में शुरू हुआ. इस कार्यक्रम में दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR) क्षेत्र के अलग-अलग स्कूलों के करीब 1000 छात्र भाग ले रहे हैं. इस मौके पर छात्रों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के साथ सीधा संवाद करने का मौका मिलेगा. इस कार्यक्रम को दूरदर्शन (Doordarshan) समेत सभी चैनलों पर टेलीकास्ट किया जाएगा.