एडाॅप्टिव लर्निंग से बेहतर होगी व्यक्तिगत शिक्षा

एडाॅप्टिव लर्निंग शिक्षा के पारंपरिक मॉडल को चुनौती दे रहा है. सभी आयु वर्ग के शिक्षार्थियों के लिए इसके बेहतर और आकर्षक होने के पीछे इसकी कई खूबियां हैं. छात्र के सीखने की क्षमता और पूर्व ज्ञान को दरकिनार करते हुए लर्निंग का यह प्रारूप सिर्फ उसके सीखने की इच्छाशक्ति को आधार बनाता है या कहें छात्र की सीखने में मदद करता है.

By Shaurya Punj | March 8, 2020 12:42 AM

अनिमेष नाथ

एडाॅप्टिव लर्निंग शिक्षा के पारंपरिक मॉडल को चुनौती दे रहा है. सभी आयु वर्ग के शिक्षार्थियों के लिए इसके बेहतर और आकर्षक होने के पीछे इसकी कई खूबियां हैं. छात्र के सीखने की क्षमता और पूर्व ज्ञान को दरकिनार करते हुए लर्निंग का यह प्रारूप सिर्फ उसके सीखने की इच्छाशक्ति को आधार बनाता है या कहें छात्र की सीखने में मदद करता है.

रियल टाइम परफॉर्मेंस का मूल्यांकन

एडाॅप्टिव लर्निंग छात्र के रियल टाइम परफॉर्मेंस का विश्लेषण करती है एवं डेटा के आधार पर शिक्षण विधियों में संशोधन करती है. एडाॅप्टिव लर्निंग छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों के लिए भी लाभदायक है. जैसे कि सीखनेवाले छात्र एडाॅप्टिव लर्निंग का प्रयोग करते हैं, तो उससे उपलब्ध डेटा का विश्लेषण कर शिक्षक उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षण प्रणाली में संशोधन कर सकता है. प्रत्येक छात्र का व्यक्तिगत रूप से डेटा संग्रह करने में शिक्षक का बहुत समय नष्ट हो जाता है, जबकि वह एडाॅप्टिव लर्निंग के माध्यम से प्रत्येक छात्र के बारे में जान सकता है कि वह किस स्तर पर और कहां संघर्ष कर रहे हैं. इन्हीं आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए वह अपनी शिक्षण प्रणाली में संशोधन कर सकता है.

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