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पर्सनल इंटरव्यू और ग्रुप डिस्कशन तैयारी का बनाएं प्लान

विभिन्न मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए दूसरे चरण की चयन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इस दौरान ग्रुप डिस्कशन, पर्सनल इंटरव्यू और एस्से राइटिंग जैसी बाधाओं को पार करना होता है. यह चरण आपकी मनोदशा को जांचनेवाला होगा, इसलिए आप आत्मविश्वास और सकारात्मकता के साथ इसकी तैयारी करें.

By Shaurya Punj | March 12, 2020 11:32 PM

ब्रह्मानंद मिश्र

ह र साल बड़ी संख्या में छात्र स्नातक करने के बाद मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन करते हैं. आईआईएम समेत देश के प्रतिष्ठित बी-स्कूलों में प्रवेश के लिए बड़ी संख्या में छात्र कैट और अन्य परीक्षाओं में शामिल होते हैं. प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद अगली बाधा ग्रुप डिस्कशन और पर्सनल इंटरव्यू की होती है. जहां आपके व्यावहारिक ज्ञान की परख की जाती है, साथ ही आपके व्यक्तित्व को जांचा जाता है. अगर आप आईआईएम या शीर्ष बी-स्कूलों में प्रवेश की तैयारी कर रहे हैं, तो इस कठिन चरण से गुजरने के लिए तैयार हो जायें. दरअसल, इन परीक्षाओं के माध्यम से बी-स्कूल छात्र के आत्म विश्वास, देश-दुनिया के ताजा घटनाक्रम पर उनका नजरिया, लक्ष्य को लेकर स्पष्टता और छात्र के उद्देश्य को जानना चाहते हैं. संस्थान डब्ल्यूएटी और पर्सनल इंटरव्यू के माध्यम से बेहतर छात्रों का चयन करते हैं.

करेंट अफेयर्स पर बनाएं मजबूत पकड़

अध्ययन की आदत न केवल परीक्षा में आपकी सफलता की संभावना को मजबूत करेगी, बल्कि जीवन में लगातार आगे बढ़ते रहने में मददगार भी होगी. रोजाना अगर आप स्तरीय पत्र-पत्रिकाओं को पढ़ते हैं, तो आप देश-दुनिया में चल रहे घटनाक्रमों पर एक स्वतंत्र दृष्टिकोण विकसित कर पायेंगे. अखबारों के संपादकीय और विशेष परिशिष्ट पढ़ने से आपको विशेषज्ञों के मत जानने का मौका मिलता है. एक संतुलित नजरिये से आप किसी विषय के विविध पक्षों को जान और समझ सकेंगे. सामान्य तौर पर जीडी और डब्ल्यूएटी के दौरान जनरल अवेयरनेस से संबंधित प्रश्न होते हैं. सीधे तौर पर करेंट अफेयर्स से होनेवाले प्रश्नों के निहितार्थ को समझना आवश्यक है. सतही जानकारी रखने की बजाय और उससे संबंधित अन्य पक्षों को भी जानने की कोशिश करें.

प्रैक्टिस है जरूरी

एस्से राइटिंग या रिटेन एबिलिटी टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए नियमित अभ्यास जरूरी है. किसी टॉपिक पर अखबारों में आनेवाले लेखों को पढ़ें. इससे आप यह समझ पायेंगे कि उपलब्ध डेटा के आधार पर किस प्रकार तार्किक निष्कर्ष निकाला जाता है. एक बेहतरीन लेखक का यह गुण होता है कि वह किसी टॉपिक पर लेखन करते समय विभिन्न बिंदुओं का बारीक विश्लेषण करता है. सामाजिक मुद्दों पर आनेवाले लेखों में कई अहम जानकारियां होती हैं, जो परीक्षा के समय काम आ सकती हैं.

नेतृत्व क्षमता बढ़ाने पर जोर

मैनेजमेंट पेशेवर से टीम लीडर के तौर पर कार्य करने की अपेक्षा की जाती है. यह काम आप तभी कर सकते हैं, जब आपके पास अपने क्षेत्र की पर्याप्त जानकारी हो और सामंजस्य के साथ कड़ी मेहनत करने की क्षमता हो. ऐसे में जरूरी है कि आप तैयारी के साथ अपने व्यक्तित्व विकास पर भी ध्यान केंद्रित करें. इंटरव्यू के दौरान छात्र की सामान्य समझ, आत्मविश्वास और उसकी क्षमताओं को जांचा जाता है.

लक्ष्य को लेकर स्पष्टता

आमतौर पर इंटरव्यू के दौरान आपके भविष्य की योजनाओं से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं. आप एमबीए या मैनेजमेंट से जुड़े कोर्स क्यों करना चाहते हैं, इसका ठोस जवाब आपके पास होना चाहिए. साथ ही अपने फ्यूचर प्लान को भी रखें. मैनेजमेंट करियर से जुड़े अन्य सवालों के लिए भी तैयार रहें. अगर आप सुनियोजित ढंग से तैयार नहीं हैं, तो इंटरव्यू का सामना करते समय आप फंस सकते हैं. आपके मजबूत पक्ष और कमजोर पक्ष से जुड़े सवाल हो सकते हैं. ऐसे सवालों का जवाब देते समय ईमानदारी बरतें, क्योंकि बातों को घुमाने पर अाप सवालों के जाल में घिर सकते हैं, इसलिए स्पष्टता बहुत आवश्यक है.

इन बातों का भी रखें ध्यान

  1. नये टॉपिक से अपडेट रहें. जनरल अवेयरनेस की तैयारी पर फोकस बनाये रखें.

  2. अपना दृष्टिकोण बिल्कुल स्पष्ट रखें. किसी भी टॉपिक को लेकर असमंजस में न फंसें.

  3. किसी टॉपिक का विश्लेषण करते समय संबंधित टॉपिक का पहले ब्लूप्रिंट तैयार करें.

  4. इंटरव्यूअर का सामना करते समय घबरायें नहीं, शांत, स्थिर और आशावादी होकर जवाब दें.

  5. मॉक इंटरव्यू दें और प्रत्येक इंटरव्यू के बाद कमजोर पक्ष का मूल्यांकन करें और उसे सुधारें.

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