National Teacher Award: संत कुमार सहनी को हासिल है बच्चों और अभिभावकों में शिक्षा का अलख जगाने की महारथ

बेगूसराय \ वीरपुर : शिक्षा के क्षेत्र में प्रखंड से लेकर राज्य स्तर पर पहचान बना चुके वीरपुर प्रखंड क्षेत्र के बरैपुरा निवासी व उत्क्रमित उच्च विद्यालय खरमौली के प्रधानाचार्य संत कुमार सहनी को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयन किये जाने से जिले के लोगों और शिक्षाविदों में उत्सवी माहौल बना हुआ है. शिक्षा के क्षेत्र के मजबूत स्तंभ मृदुभाषी, शांत व सरल स्वभाव के लिए जाने जाने बाले शिक्षक संत कुमार सहनी में अपने व्यवहार एवं विचार से बच्चों तथा उनके अभिभावकों में शिक्षा के प्रति आकर्षण शक्ति पैदा करने की गजब की महारथ हासिल है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2020 5:36 PM

बेगूसराय \ वीरपुर : शिक्षा के क्षेत्र में प्रखंड से लेकर राज्य स्तर पर पहचान बना चुके वीरपुर प्रखंड क्षेत्र के बरैपुरा निवासी व उत्क्रमित उच्च विद्यालय खरमौली के प्रधानाचार्य संत कुमार सहनी को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयन किये जाने से जिले के लोगों और शिक्षाविदों में उत्सवी माहौल बना हुआ है. शिक्षा के क्षेत्र के मजबूत स्तंभ मृदुभाषी, शांत व सरल स्वभाव के लिए जाने जाने बाले शिक्षक संत कुमार सहनी में अपने व्यवहार एवं विचार से बच्चों तथा उनके अभिभावकों में शिक्षा के प्रति आकर्षण शक्ति पैदा करने की गजब की महारथ हासिल है.

शिक्षक सहनी बताते है कि गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए शैक्षणिक वातावरण का निर्माण जरूरी है. इसके अलावा विभिन्न गतिविधि जैसे खेलकूद, एकांकी, निबंध, भाषण आदि प्रतियोगिता के आयोजन से बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा होती है. रुटीन चार्ट के अनुसार वर्ग कक्ष का नियमित रूप से संचालन खाका के साथ करना चाहिए कि आज कौन-सी गतिविधि करनी है.

वर्ष 1994 में बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में चयनित होने के बाद मटिहानी प्रखंड के गोरगामा मध्य विद्यालय में इन्होंने अपना प्रथम योगदान दिया था. वर्ष 1997 से 2003 तक तेघड़ा के रामपुर विद्यालय में इन्होंने शिक्षा का अलख जगाया. वर्ष 2004 में उत्क्रमित मध्य विद्यालय खरमौली में कदम रखा, तब से लेकर विद्यालय के छात्राओं ने एक से बढ़ कर एक उपलब्धि हासिल किया है.

शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य को लेकर इन्हें वर्ष 2013 में डीएससी द्वारा, वर्ष 2015 में डीएम द्वारा, वर्ष 2017 में डीइओ द्वारा एवं वर्ष 2018 डीएम के द्वारा सम्मानित किया गया है. इतना ही नहीं विगत पांच सितंबर 2019 को बिहार सरकार द्वारा राजकीय शिक्षा सम्मान भी प्रदान किया जा चुका है. इसके अलावा विद्यालय के छात्र गौतम कुमार को राष्ट्रीय बालश्री सम्मान के लिये चयन किया गया है. जो जिले ही नहीं, बल्कि बिहार को भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने का सुअवसर प्रदान किया है.

उन्होंने बताया कि विद्यालय को इस मुकाम तक लाने में विद्यालयों के शिक्षक, अभिभावक एवं ग्रामीणों का अभूतपूर्व सहयोग रहा है. विद्यालय की पांच कट्ठे जमीन को अतिक्रमण मुक्त करा कर एवं डेढ़ कट्ठा जमीन खरीद कर ही हाइस्कूल का निर्माण कराया गया. इसके अलावा स्कूल में जनसहयोग से कंप्यूटर, पंखा, बैच आदि समान समयानुसार खरीदे गये हैं.

स्थानीय मुखिया रामशंकर दास बताते है कि वर्ष 2004 में जब इन्होंने विद्यालय में योगदान दिया था, तब इस विद्यालय में 123 बच्चे थे. आज इसी विद्यालय में 1336 बच्चे हैं. वर्ष 2012 में विद्यालय का हाइस्कूल में उत्क्रमण होने के बाद इस सात वर्ष के दौरान मैट्रिक का परीक्षा परिणाम का औसत 92 प्रतिशत रहा है. जबकि, यह विद्यालय बिल्कुल ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है. यहां की व्यवस्था, बच्चों में शैक्षणिक लगाव, अनुशासन, मेधा संतानों की प्रगति अन्य विद्यालयों के लिए भी प्रेरणाश्रोत है.

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