पांच साल में एमएसएमई क्षेत्र में रोजगार के पांच करोड़ अतिरिक्त असवर सृजित करने का लक्ष्य केंद्र सरकार ने रखा है. इस संबंध में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार का अगले पांच साल में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र में पांच करोड़ अतिरिक्त रोजगार अवसर सृजित करने का लक्ष्य है.
एमएसएमई, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि उनका लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एमएसएमई के योगदान को लगभग 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत और निर्यात में 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत तक लाना है. अभी एमएसएमई क्षेत्र करीब 11 करोड़ लोगों को रोजगार देता है.
उन्होंने कहा कि नवोन्मेषों तथा उद्यमियों के लिये मदद के दायरे को विस्तृत बनाया जाना चाहिये, ताकि नयी प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के अवसर मिल सकें. एमएसएमई मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार, गडकरी ने कहा कि नवाचारों में जोखिम लेने और नये समाधान खोजने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में जो लोग चूक कर रहे हैं, उनका बचाव करने की जरूरत है.
गडकरी ने एक वीडियो कॉंफ़्रेंसिंग बैठक को संबोधित करते हुए नीति आयोग की पहल आत्मनिर्भर भारत अराइज अटल न्यू इंडिया चैलेंज की सराहना की. उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में हो रही समस्याओं के समाधान खोजने और मूल्य संवर्धन सुनिश्चित करने के लिये नयी प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित करने का भी आह्वान किया. उन्होंने अधिशेष चावल का उदाहरण दिया और कहा कि इसका उपयोग इथेनॉल के उत्पादन में किया जा सकता है. इससे भंडारण की समस्या कम होगी और इसके साथ ही हरित ईंधन के मामले में देश को जीवाश्म ईंधनों का विकल्प मिलेगा.
Also Read: बेहाल मध्यवर्ग : सरकार गरीबों को दे रही मुफ्त राशन, पर मध्यवर्ग की आय घटी, खर्च बढ़ा
एमएसएमई पर सरकार का खास ध्यान : यदि आपको याद हो तो कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन के दौरान देश के करीब 12 करोड़ लोगों की नौकरियां बचाने के लिए सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के लोन के साथ अन्य राहत पैकेज की घोषणा की थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एमएसएमई इकाइयों के लिए आर्थिक राहत पैकेज का ऐलान किया था. इसमें उन्होंने एमएसएमई इकाइयों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार की ओर से उठाए गए छह अहम कदमों की चर्चा की थी.
Posted By : Amitabh Kumar