Sarkari Naukri 2020 : कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच कई लोगों की नौकरी चली गई है. अब जब अनलॉक की प्रक्रिया चल रही है…लोग नौकरी की तलाश में जुट गये हैं. इसी बीच खेलों से संबंधित रोजगार के अवसरों की तलाश के लिए ‘सर्च’ में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है. इस दौरान व्यक्तिगत प्रशिक्षक, खेल केंद्र प्रबंधक और पोषणविद् से संबंधित रोजगार के अवसरों की तलाश बढ़ी है. हालांकि, पिछले कुछ वर्षों से देश में इन पदों पर नियुक्तियों में गिरावट आ रही है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
वैश्विक रोजगार साइट इंडीड की रिपोर्ट के अनुसार अगस्त, 2019 से अगस्त, 2020 के दौरान खेलों से संबंधित नौकरियों के लिए सर्च में 11 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. हालांकि, इस अवधि में इन पदों पर नियुक्तियों में 25 प्रतिशत की गिरावट आई है. यह रिपोर्ट खेलों से संबंधित नौकरियों के लिए सर्च और पदों के आंकड़ों पर आधारित है. इनमें खेल लीग प्रबंधक, फुटबॉल प्रशिक्षक, व्यक्तिगत प्रशिक्षक, पोषणविद, खेल केंद्र प्रबंधक और अन्य पद शामिल हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 21 से 25 साल के युवा खेल से संबंधित नौकिरयों के लिए अधिक इच्छुक हैं. इन श्रेणी में क्लिक करने वाले लोगों में इन आयु वर्ग के युवाओं का हिस्सा 45 प्रतिशत है. रिपोर्ट में कहा गया है कि खेलों से संबंधित नौकरियों या पदों के मामले में दिल्ली 24 प्रतिशत के साथ सबसे आगे है. उसके बाद 20 प्रतिशत के साथ महाराष्ट्र दूसरे और 15 प्रतिशत के साथ कर्नाटक तीसरे स्थान पर है.
वित्त मंत्रालय ने कहा : गौर हो कि पिछले दिनों केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि सरकारी पदों के लिए की जाने वााली भर्तियों पर कोई रोक नहीं लगाई गई है. मंत्रालय की तरफ से ट्वीट कर कहा गया कि एसएससी, यूपीएससी, रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड आदि के जरिए भर्तियां जैसे पहले होती थीं, उसी तरह की जाएंगी. मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि भारत सरकार के किसी भी पदों को भरने के लिए कोई पाबंदी नहीं है. यूपीएससी,एसएससी, आरएलवी भर्ती बोर्ड जैसी सरकारी एजेंसियां पहले की ही तरह भर्तियों को जारी रखेंगी.
अप्रैल में 12.1 करोड़ लोगों की गई नौकरी: सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में पूरे महीने लॉकडाउन था और इसके चलते 12.1 करोड़ लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है. हालांकि मई और जून में इसकी रिकवरी शुरू हुई और अब तक 9.1 करोड़ लोगों को रोजगार वापस मिला है. अब भी तीन करोड़ लोग बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं. जिनके पास कोरोना काल से पहले कोई न कोई काम था.
Posted By : Amitabh Kumar