Sarkari Naukri : बिहार में संविदा कर्मियों को नियमित नियुक्ति में 25 अंकों का ग्रेस, उम्र सीमा में छूट, सेवाशर्तों में किये गये अहम बदलाव

राज्य सरकार संविदा कर्मियों को सरकारी नौकरियों में नियमित सेवा के लिए विशेष छूट देगी. अगर नियोजित कर्मी नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया में शामिल होते हैं, तो उन्हें वेटेज दिया जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | January 23, 2021 6:31 AM
an image

पटना. राज्य सरकार संविदा कर्मियों को सरकारी नौकरियों में नियमित सेवा के लिए विशेष छूट देगी. अगर नियोजित कर्मी नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया में शामिल होते हैं, तो उन्हें वेटेज दिया जायेगा.

प्रत्येक वर्ष की गयी संतोषजनक सेवा के लिए अधिकतम पांच अंक सालाना की दर से अधिकतम 25 अंकों का वेटेज दिया जायेगा. इसके अलावा नियोजित कर्मी जितने समय तक कार्य करेंगे, उस अवधि की समतुल्य अवधि की छूट उन्हें अधिकतम उम्र सीमा में दी जायेगी.

किसी कार्यरत वर्ष के अंश को भी इसमें शामिल किया जायेगा. राज्य सरकार ने सभी विभागों में नियमित नियुक्ति में हो रही देरी को देखते हुए कई अहम पदों पर संविदा पर पहले से तैनात कर्मियों का ही सेवा विस्तार करने का निर्णय लिया है.

साथ ही राज्य सरकार ने संविदा कर्मियों की पहले से निर्धारित सेवा शर्तें में कई अहम बदलाव करते हुए उन्हें कई सुविधाएं भी दी हैं. सामान्य प्रशासन विभाग ने शुक्रवार को इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है. इसमें यह भी कहा गया है कि इस नयी नियमावली के तहत ही पहले से कार्यरत सभी संविदा कर्मियों का नया एकरारनामा तैयार किया जायेगा.

कुछ पदों के कर्मियों की नियोजन सीमा एक साल बढ़ी

आदेश में यह भी कहा गया है कि जल संसाधन विभाग में कनीय अभियंताओं, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग में शैक्षणिक पदों व पशु चिकित्सकों के पदों पर तैनात कर्मियों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए इनकी सेवा को एक वर्ष के लिए बढ़ाने का आदेश दिया है.

वहीं, अन्य विभागों में संविदा पर तैनात कर्मियों की सेवा को अगले आदेश तक विस्तारित करने पर रोक लगायी गयी है. जबकि योजनाओं या परियोजनाओं के अलावा निगम या सोसाइटी या आयोग में नियमित पदों पर अगले एक वर्ष तक के लिए संविदा पर तैनात कर्मियों को नियुक्ति करने की अनुमति दी गयी है.

छुट्टी के लिए भी किया गया प्रावधान

पांच कार्यदिवस सप्ताह वाले कार्यालयों में संविदा कर्मियों को एक वर्ष में 12 और छह कार्यदिवस प्रति सप्ताह वाले कार्यालयों में एक वर्ष में 16 दिन अवकाश मिलेगा. अर्जित अवकाश एक वर्ष में 16 दिन (नियोजन के दूसरे वर्ष से लागू होगा) और अधिकतम 60 दिन अवकाश संचित किया जा सकेगा.

इसी तरह पुरुषों को 15 दिनों का पितृत्व अवकाश दिया जायेगा, लेकिन यह सिर्फ दो बच्चों तक ही मान्य होगा. कोई कर्मी अधिकतम 30 दिन प्रतिवर्ष बिना वेतन की छुट्टी पर रह सकता है. संविदा कर्मियों को अपने सक्षम प्राधिकार से अनुमति लेकर ही छुट्टी पर जायेंगे. अगर कोई कर्मी 15 दिन तक या इससे अधिक समय तक बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहते हैं, तो उनका पद रिक्त समझा जायेगा.

जिस पद पर पहले से तैनात उसी पद के लिए मिलेगा लाभ

अधिसूचना के मुताबिक उम्र सीमा और कार्य अनुभव का लाभ सिर्फ उसी पद के लिए दिया जायेगा, जिस पद पर संविदा कर्मी पहले से तैनात हैं. दूसरे पदों के लिए इस तरह की कोई सुविधा नहीं दी जायेगी.

इसी तरह अनुभव के आधार पर छूट की बात है, तो इसमें विनियामक संस्थाओं या विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद समेत अन्य के स्तर से निर्धारित मार्गदर्शन को ध्यान में रखकर ही यह छूट दी जायेगी.

नियुक्ति में निर्धारित मानकों और आरक्षण रोस्टर का पालन अनिवार्य

संविदा कर्मियों की नियुक्ति तीन स्तर पर की जायेगी. किसी योजना या परियोजना के तहत स्वीकृत पद या ऐसे पद, जिनका सृजन ही संविदा नियोजन के लिए किया गया है. जिन खाली पड़े स्थायी पदों पर नियमित नियुक्ति में देरी हो रही है, उन पर भी संविदा के आधार पर नियुक्ति की जा सकती है.

सभी स्तर पर नियुक्ति की प्रक्रिया निर्धारित मानकों और आरक्षण रोस्टर के प्रावधान के तहत ही की जायेगी. संविदा कर्मियों को सरकार में उपलब्ध समान या समकक्ष पद के प्रारंभिक स्तर का वेतन, महंगाई भत्ता और अन्य अनुमान्य भत्तों को मिलाकर समेकित रूप से दिया जायेगा. लेकिन, निर्धारित पारिश्रमिक या मानदेय न्यूनतम मजदूरी से कम नहीं होगी.

गोद लेने वाली महिला कर्मी को भी मिलेगा अवकाश

किसी संविदा कर्मी की मौत होने पर उनके परिजनों को चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा. गोद लेने वाली महिलाओं को भी अवकाश मिलेगा. जो महिला कर्मी 12 महीने में 80 दिन तक संविदा नियोजन पर कार्य कर चुकी हैं, उन्हें 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश मिलेगा.

आठ सप्ताह का अवकाश अनुमानित प्रसव तिथि के पहले और शेष 18 सप्ताह शिशु जन्म के बाद मिलेगा. दो बच्चों के बाद सिर्फ 12 सप्ताह का अवकाश मिलेगा. साथ ही तीन महीने से कम उम्र के बच्चों को गोद लेने वाली महिला या सरोगेट मां को भी 12 सप्ताह का अवकाश मिलेगा.

दिव्यांगों को सरकारी नौकरी में 4 व शैक्षणिक संस्थानों में 5% आरक्षण

राज्य सरकार ने दिव्यांगों को सरकारी नौकरी में चार प्रतिशत व शैक्षणिक संस्थानों में पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का प्रावधान किया है. पहले दिव्यांगों को तीन प्रतिशत आरक्षण मिलता था. सामान्य प्रशासन विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है.

यह प्रावधान केंद्र के स्तर से दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 में किये बदलाव के बाद किये गये हैं. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय इससे संबंधित आदेश पहले ही जारी कर चुका है. इसके मद्देनजर राज्य में भी ये प्रावधान किये गये हैं. इसमें बहु-दिव्यांगता को भी शामिल करते हुए उनके लिए भी ये प्रावधान किये गये हैं.

Posted by Ashish Jha

Exit mobile version