दुनिया भर में प्रसिद्ध बिहार के मिथला क्षेत्र की मधुबनी पेंटिंग इन दिनों खूब चर्चा में है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में मधुबनी पेंटिंग वाले मास्क की चर्चा और तरीफ की थी. मधुबनी पेंटिंग के बारे में नयी खबर ये है कि अब दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को जल्द ही मधुबनी पेंटिंग की प्राचीन कला सीखने को मिल सकती है. मीडिया में आई एक खबर के मुताबिक दक्षिणी दिल्ली के मेयर ने अधिकारियों को इसके लिए एक योजना तैयार करने का निर्देश दिया है.
मेयर के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस योजना से न केवल कलाकारों को लाभ होगा, बल्कि स्कूली बच्चों को बिहार की एक प्रमुख कला सीखने का अवसर मिलेगा. प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए एसडीएमसी उन कलाकारों की मदद करेगा, जो मधुबनी पेंटिंग करते हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसके लिए एक योजना तैयार करने के लिए निर्देश दिये गये हैं.
एसडीएमसी का प्रयास इस कला में माहिर एवं आजीविका के लिए भी पूरी तरह अपनी कला पर निर्भर मधुबनी पेंटिंग के कलाकारों को बढ़ावा देना और मुख्यधारा में लाना है.
मधुबनी या मिथिला पेंटिंग बिहार के सांस्कृतिक रूप से समृद्ध क्षेत्र से आती है और दुनिया भर में प्रसिद्ध है. मधुबनी के कलाकार मास्क, फ्लावर पॉट और बर्तनों पर अद्भुत चित्रकारी करते हैं. एसडीएमसी इन्हें अपने कार्यालयों और स्कूलों को सजाने के लिए लगा सकती है.
बीते दिनों अपने मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने मिथला पेंटिंग का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था- ‘बिहार में कई महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप ने मिथिला पेंटिंग वाले मास्क बनाना शुरू किया है. देखते ही देखते यह अब खूब पॉपुलर हो गये हैं. यह मिथिला पेंटिंग वाले मास्क एक तरह से अपनी परंपरा का प्रचार तो करते ही हैं, लोगों को स्वास्थ्य के साथ रोजगार भी दे रहे हैं.’