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कैट परीक्षा में पहले ही प्रयास में मिली सफलता, कहा- कड़ी मेहनत ही सफलता का सूत्र

देश की सबसे बड़ी परीक्षा, कैट परीक्षा में पहले ही प्रयास में ज्योति कुमारी ने सफलता अर्जित कर चकाई प्रखंड जमुई जिले का मान बढ़ाया है. प्रतिभाशाली जिले की होनहार बेटी ने जिले का मान बढ़ाते हुए जिलेवासियों को गौरवांवित किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 24, 2020 11:01 PM

सरौन : देश की सबसे बड़ी परीक्षा, कैट परीक्षा में पहले ही प्रयास में ज्योति कुमारी ने सफलता अर्जित कर चकाई प्रखंड जमुई जिले का मान बढ़ाया है. प्रतिभाशाली जिले की होनहार बेटी ने जिले का मान बढ़ाते हुए जिलेवासियों को गौरवांवित किया है. बेटी का केट परीक्षा में चयनित होने के बाद आईआईएम रांची में चयन हुआ है. जहां वह फाइनेंशियल की पढ़ाई करेगी. ज्योति कुमारी अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पिता रामसुंदर यादव और माता श्रीमती सपना कुमारी को देती है.

ज्योति का कहना है कि पढ़ाई का लेकर उसके माता-पिता ने उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया और अपने अनुसार विषयों की पढ़ाई करने की स्वतंत्रता दी. जिसका परिणाम है कि आज मेरा आईआईएम रांची के लिए चयन हुआ है. जहां वह दो वर्षो तक फाइनेंशियल की पढ़ाई करेगी. चकाई प्रखंड अंतर्गत असहना गांव निवासी टैक्स कंसल्टेंट रामसुंदर यादव एवं आंगनबाड़ी सेविका श्रीमति सपना कुमारी की बड़ी बेटी ज्योति की पढ़ाई मैट्रिक डीएभी से एवं आइकोम की तैयारी देवसंघ नेशनल स्कूल देवघर से की.

वहीं बीएचयू में बीकॉम की पढ़ाई कर रही है. ज्योति की लगभग 16 घंटे की पढ़ाई में की गई कड़ी मेहनत और परिजनों के आशीर्वाद से पहले ही प्रयास में वह आईआईएम के लिए सिलेक्ट हो गई.ज्योति ने अपने पहले ही प्रयास में कैट की परीक्षा 85 अंको से उत्तीर्ण की. जिसके बाद उसे कई प्रसिद्ध कॉलेजो को चुनने का अवसर मिला किन्तु देश की टॉप कॉलेज आईआईएम रांची को उसने अपने आगे की पढ़ाई फाइनेंशियल के लिए चुना. जहां जल्द ही वह अपनी आगे की पढ़ाई के लिए चली जायेगी.

गौरतलब हो कि केट की परीक्षा बड़े स्तर पर होती है, जिसमें देश के चुनिंदा होनहार विद्यार्थी ही सफल हो पाते है, हालांकि अब तक इस परीक्षा में चकाई प्रखंड से कोई चयनित नहीं हो सका है किन्तु चकाई की होनहार बेटी ज्योति ने पहले ही प्रयास में सफलता अर्जित की. प्रतिभाशाली चकाई की होनहार बेटी ज्योति कुमारी की केट परीक्षा के माध्यम से आईआईएम में सिलेक्ट होने पर न केवल परिजन अपितु पूरा समाज और जिला गौरान्वित महसुस कर रहा है.

आईआईएम में प्रवेश के बाद ज्योति ने पहली बार अपनी सफलता को लेकर प्रेस से मुलाकात की और अपने जीवन के लक्ष्य और जीवन में मिले परिजनों के प्रोत्साहन को लेकर विस्तृत चर्चा की.ज्योति का कहना है कि कड़ी मेहनत ही सफलता का सूत्र है. यदि कोई अपने लक्ष्य को लेकर उस पर पूरी लगन से जुट जाता है तो उसे सफलता अवश्य मिलती है. वहीं पिता रामसुंदर यादव और माता श्रीमती सपना कुमारी भी बेटी की इस सफलता पर गदगद है.

पिता का कहना है कि वह आज काफी खुश है, जिस सपने को वह देखा करते थे, आज उस सपने को उनकी बेटी साकार कर रही है. वहीं चाचा प्रो शंभु यादव का कहना है कि बेटियों को खुब पढ़ाये, ताकि बेटियां सफलता की उंचाईयां को छू सकें.

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