पिछले दिनों केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने घोषणा की कि सरकार ने 2011 से पूर्वव्यापी प्रभाव से शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) योग्यता प्रमाण पत्र की वैधता अवधि को 7 साल से बढ़ाकर आजीवन करने का फैसला किया है. आपको बता दें शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मान्यता आजीवन रहने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद झारखंड के करीब एक लाख टेट पास अभ्यर्थियों में भी आस जगी है. पहले टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट सर्टिफिकेट की वैधता (TET Certificate Validity) सिर्फ 7 साल तक के लिए होती थी.
राज्य के टेट पास अभ्यर्थियों के लिए ये फैसला लेगी सरकार
केंद्र सरकार के बाद अब झारखंड सरकार राज्य के टेट पास अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की वैधता सात साल रखने या फिर आजीवन करने पर अंतिम निर्णय लेने वाली है. आफको बता दें 2013 में आयोजित टीईटी में 66,364 अभ्यर्थी पास किए थे. इसके बाद 2015-16 में चली नियुक्ति प्रक्रिया में 15,698 टेट पास अभ्यर्थियों की शिक्षक के पद पर नियुक्ति हो सकी थी. 2013 टेट के करीब 48 हजार अभ्यर्थी अभी भी बचे हुए हैं. वहीं 2016 शिक्षक पात्रता परीक्षा में 53 हजार अभ्यर्थी सफल हुए. इन सभी सफल छात्रों की नियुक्ति प्रक्रिया फिलहाल शुरू नहीं हुई है. ऐसे में राज्य 1.01 लाख अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की मान्यता आजीवन रह सकती है.
क्या है टेट
शिक्षक बनने के लिए टीईटी एक अनिवार्य योग्यता है. दिशानिर्देशों के अनुसार, 11 फरवरी, 2011 को, राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने निर्धारित किया कि टीईटी राज्य सरकारों द्वारा आयोजित की जाएगी और प्रमाण पत्र की वैधता परीक्षा उत्तीर्ण करने की तारीख से सात साल के लिए थी. शिक्षा मंत्रालय (Education Ministry) द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि वर्ष 2011 से टीईटी (Teachers Eligibility Test) की लाइफटाइम वैधता लागू होगी. यानी जिन उम्मीदवारों ने 2011 में टीईटी पास किया है, उनके टीईटी सर्टिफिकेट भी अब उम्रभर वैध रहेंगे. अब 7 साल की जगह आजीवन होगी टेट प्रमाण पत्र की वैधता तथा News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें.
Posted By: Shaurya Punj