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फॉरेस्ट्री में सदाबहार करियर

पूरे विश्व में हर वर्ष 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय वन दिवस मनाया जाता है. वन संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2012 में यह दिवस मानने की शुरुआत की थी. वन का हमारे जीवन से गहरा संबंध है. वन सिर्फ मनुष्यों ही नहीं, पशु-पक्षी और जीव-जंतुओं के भी जीवन का आधार हैं.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2012 में यह दिवस मानने की शुरुआत की थी. वन का हमारे जीवन से गहरा संबंध है. वन सिर्फ मनुष्यों ही नहीं, पशु-पक्षी और जीव-जंतुओं के भी जीवन का आधार हैं. पर्यावरण एवं जलवायु संतुलन, जल स्तर में वृद्धि, भूमि कटाव और बाढ़ जैसी विभीषिका को रोकने में वन अहम भूमिका निभाते हैं. लेकिन भारत समेत दुनिया भर में बीते कुछ वर्षों में वन संपदा का एक बड़ा भाग नष्ट हो गया है. इसके बाद उत्पन्न हुए पारिस्थितिकी असंतुलन ने आम जन से लेकर सरकारों तक को वन संरक्षण की दिशा में काम करने के लिए सचेत किया है. देश में केंद्रीय वन आयोग, राज्यों में वन निगमों एवं वन अनुसंधान संस्थान की स्थापना वन संरक्षण की दिशा में की गयी बड़ी पहल हैं. इसके साथ ही इस क्षेत्र में सरकारी एवं गैरसरकारी स्तर पर करियर के नये मौके भी सृजित हुए हैं. आप अगर प्रकृति प्रेमी और साइंस के छात्र हैं, तो फॉरेस्ट्री की पढ़ाई कर एक मुकम्मल करियर में दाखिल हो सकते हैं.

जानें क्या है फॉरेस्ट्री

फॉरेस्ट्री यानी वानिकी का पाठ्यक्रम वनों और पर्यावरण के संरक्षण, वनों के विस्तार, वन उत्पादकता को बढ़ाने, वनों में उत्पन्न होनेवाली औषधि व वन उत्पादों के कुशल उपयोग, पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों और प्रक्रियाओं के विकास पर केंद्रित है. वानिकी पाठ्यक्रम के अंतर्गत प्लांटेशन फॉरेस्ट्री, सोशल फॉरेस्ट्री, एग्रो-फॉरेस्ट्री, इकोलॉजी, बायोडाइवर्सिटी, ट्री इंप्रूवमेंट, फॉरेस्ट हाइड्रोलॉजी एवं वाटरशेड मैनेजमेंट, वुड साइंस एवं टेक्नोलॉजी, फॉरेस्ट गुड्स एंड सर्विसेज, फॉरेस्ट रिसोर्स मैनेजमेंट, सीड टेक्नोलॉजी, इकोनाॅमिक्स ऑफ फॉरेस्ट्री सिस्टम, रीजनल एंड ग्लोबल क्लाइमेट चेंज, फॉरेस्ट जियोइन्फॉर्मेटिक्स, वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन एंड इकोटूरिज्म आदि विषय शामिल हैं.

कर सकते हैं ये कोर्स

देश के कई कॉलेज और विश्वविद्यालय फॉरेस्ट्री में बीएससी एवं बीएससी (ऑनर्स) और एमएससी प्रोग्राम संचालित करते हैं. साइंस विषयों के साथ बारहवीं पास छात्र फॉरेस्ट्री के अंडरग्रेजुएट एवं बीएससी के बाद एमएससी कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं. ट्री इंप्रूवमेंट एवं जेनेटिक रिसोर्स या वाइल्ड लाइफ में बीएससी करके फॉरेस्ट्री के क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं. बीएससी के बाद आप वुड साइंस एंड टेक्नोलॉजी, वाइल्डलाइफ साइंस, एग्रोफॉरेस्ट्री, फॉरेस्ट प्रोडक्ट्स, ट्री इंप्रूवमेंट में एमएससी कर सकते हैं. एमएससी के बाद फारेस्ट्री में पीएचडी कर अनुसंधान एवं अध्यापन में आगे बढ़ सकते हैं. इसके अलावा फॉरेस्ट मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा करने का भी विकल्प है.

प्रमुख संस्थानों के बारे में जानें

फॉरेस्ट्री की पढ़ाई करानेवाले कुछ प्रमुख संस्थान हैं- भारतीय वन प्रबंधन संस्थान, भोपाल. वन अनुसंधान संस्थान डीम्ड विश्वविद्यालय, देहरादून. डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन, हिमाचल प्रदेश. कॉलेज आॅफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, कोटा. उत्तर बंगा कृषि विश्वविद्यालय, कूच बिहार, पश्चिम बंगाल. कॉलेज ऑफ फॉरेस्ट्री, वेल्लानिकारा, त्रिशूर. उद्यानिकी और वानिकी महाविद्यालय, कॉलेज ऑफ फॉरेस्ट्री, रानीचौरी, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय.

करियर बनाने के मौके हैं यहां

फॉरेस्ट्री की पढ़ाई करनेवालों के लिए भारतीय वन सेवा, वानिकी अनुसंधान संस्थान, बीज और नर्सरी कंपनियाें, शिक्षण संस्थान, फूड कंपनियों, प्लांट रिसोर्स लेबोरेटरी, बायो टेक्नोलॉजी फर्म आदि में जॉब पाने के मौके उपलब्ध हैं. इस क्षेत्र में बतौर फाॅरेस्ट रेंजर, फॉरेस्टर, फॉरेस्ट ऑफिसर, साइंटिस्ट, फॉरेस्ट्री टेक्नीशियन, नेचुरल रिसोर्स टेक्नीशियन, फॉरेस्ट्र प्रोफेशनल, फॉरेस्ट्री स्टाफ आगे बढ़ सकते हैं. बीएससी फॉरेस्ट्री के बाद भारतीय वन सेवा (आईएफएस) परीक्षा में सफलता हासिल कर भारतीय वन अधिकारी बनने का विकल्प है. केंद्रीय वन मंत्रालय, राज्यों के वन अनुसंधान संस्थान, वन विभाग, राष्ट्रीय उद्यान, वन्य जीव अभ्यारण्य, अकादमिक संस्थान आदि में जॉब कर सकते हैं.

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