कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण यूनिवर्सिटीज और स्कूलों की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है. सीबीएसई बोर्ड, आईसीएसई बोर्ड के अलावा स्टेट बोर्ड की परीक्षाओं का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है. अब बात करें कॉलेज के परीक्षाओं की तो विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है. आपको बता दें कि विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर मंगलवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.
देशभर के 31 छात्रों ने यूजीसी से फाइनल एग्जाम न कराने का अनुरोध करते हुए कोर्ट में याचिका दाखिल किया है, इस पर कोर्ट ने यूजीसी से जवाब मांगा था. यूजीसी ने संशोधित शेड्यूल में सितंबर महीने में परीक्षा करवाने की बात कही है, पर कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए कॉलेज के छात्र भी इसका विरोध कर रहे हैं. कोरोना वायरस के अलावा भी कई ऐसी वजह हैं जिनके कारण छात्रों का विरोध परीक्षा को लेकर लगातार जारी है. आइए जानें उन कारणों को जिसके कारण विश्विद्यायलय के अंतिम वर्ष की परीक्षा को स्थगित करने की मांग छात्र कर रहे हैं.
सिलेबस पूरा ना होने से छात्र हैं परेशान
अचानक हुए लॉकडाउन के कारण छात्रों को अपने घर लौटना पड़ गया था. हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के किताब हॉस्टल में ही है, सबसे बड़ी परेशानी है कि ऐसे में छात्र परीक्षा के लिए पढ़ाई कैसे करेंगे.
स्टडी मैटेरियल ऑनलाइन उपलब्ध न होना
परीक्षा आयोजित न करवाए जाने के पक्ष में छात्र इसलिए भी हैं क्योंकि फिलहाल सारे कॉलेज बंद हैं. अपने डाउट के लिए छात्रों को ऑनलाइन माध्यमों पर निर्भर होना पड़ रहा है. बात करें वोकेशनल कोर्स की तो बीसीए, बीबीए जैसे कोर्स के नोट्स ऑनलाइन माध्यम से तुरंत मिल जा रहे हैं, पर बीए, बी कॉम, और बीएसई जैसे कोर्स के स्टडी मैटेरियल की उपलब्धता ना होने के कारण छात्रों को परेशानी हो रही है.
ऑफलाइन परीक्षा से है संक्रमण का
कोरोना संक्रमण के कारण छात्रों को ऑफलाइन परीक्षा में संक्रमण फैलने का डर बना हुआ है. हाल ही में उत्तर प्रदेश में आयोजित हुई एक परीक्षा में ऐसा देखा गया कि बड़ी संख्या में छात्रों के इकट्ठा होने से पैनडेमिक प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन नहीं हो सका.
इंटरनेट कनेक्टिविटी में परेशानी
हाल में एनएसओ द्वारा करवाए गए एक सर्वे में पता चला है कि 5 से लेकर 24 वर्ष के लोगों के बीच केवल 8 प्रतिशत लोगों के पास इंटरनेट सुविधा उपलब्ध है. कई छात्रोे के पास इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा नहीं है, जिससे ऑनलाइन पढ़ाई में परेशानी हो रही है.
भविष्य को लेकर चिंतित हैं छात्र
अंतिम वर्ष की परीक्षा के देर से होने के कारण सत्र भी देर हुई है. कोरोना के संक्रमण के कारण विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन बंद होने वाले हैं. इसके अलावा प्लेसमेंट में भी वो नहीं जा पा रहे. इन बातों को लेकर भी छात्रों को चिंता है.
Submitted By: Shaurya Punj