UGC NET 2022: राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) कल, 30 मई को यूजीसी नेट परीक्षा 2022 के लिए विस्तारित पंजीकरण विंडो को बंद कर देगी. जिन उम्मीदवारों ने अभी तक आवेदन नहीं किया है, वे यूजीसी नेट की आधिकारिक वेबसाइट ugcnet.nta.nic.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
जिन अभ्यर्थियों ने अभी तक पंजीकरण नहीं किया है. वह आधिकारिक वेबसाइट ugcnet.nta.nic.in के जरिए आज शाम 5 बजे से पहले तक रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. वहीं आवेदन शुल्क आज रात 12 बजे से पहले तक जमा किया जा सकता है.
आधिकारिक अधिसूचना में लिखा है, ‘रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बंद हो जाने के बाद उम्मीदवार 31 मई 2022 से 01 जून 2022 (रात 09 बजे तक) के दौरान https://ugcnet.nta.nic.in पर अपने संबंधित ऑनलाइन आवेदन फॉर्म के अपने विवरण में सुधार करने में सक्षम होंगे.’
1.सबसे पहले अभ्यर्थी आधिकारिक वेबसाइट ugcnet.nta.nic.in पर जाएं
2.होम पेज पर दिए गए Registration for UGC NET December 2021 & June 2022 (merged cycles) के लिंक पर क्लिक करें
3.यहां UGC NET December 2021 & June 2022 (merged cycles) के लिंक पर क्लिक करें
4.अब मेल आईडी आदि दर्ज कर रजिस्ट्रेशन करें
5.आवश्यक दस्तावेज को अपलोड करें
6.आवेदन शुल्क का भुगतान करें और सबमिट करें
नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NTA UGC-NET) एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षा है, जो राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की ओर से वर्ष में दो बार भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में ‘केवल असिस्टेंट प्रोफेसर’ या ‘जेआरएफ और असिस्टेंट प्रोफेसर दोनों’ पद के लिए उम्मीदवार की पात्रता निर्धारित करने के लिए आयोजित की जाती है.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) 2018 तक NTA NET परीक्षा आयोजित करता था. दिसंबर 2018 से, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को UGC NET परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी दी गई थी. एनटीए यूजीसी नेट परीक्षा साल में दो बार ऑनलाइन मोड में आम तौर पर जून और दिसंबर के महीने में आयोजित की जाती है. पहले यह ऑफ़लाइन मोड में आयोजित किया गया था.
सहायक प्रोफेसर और जूनियर रिसर्च फैलोशिप (JRF) के लिए योग्य उम्मीदवारों को UGC द्वारा जारी एक ई-सर्टिफिकेट / JRF अवार्ड पत्र मिलता है और इसे https://ecertificate.nta.ac.in से डाउनलोड किया जा सकता है.
यूजीसी नेट परीक्षा को भारत में सबसे कठिन परीक्षा में से एक माना जाता है, जिसमें केवल 4-5 प्रतिशत उम्मीदवार ही सफल हो पाते हैं. भारतीय विश्वविद्यालयों और सरकारी कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर या प्रोफेसर बनने के लिए नेट योग्यता अनिवार्य है.