UGC जारी रखेगी इन Scholarship और Fellowship की फंडिंग
स्कूल के अलावा कॉलेजों में भी ऑनलाइन क्लास का प्रचलन शुरु किया गया है. यूजीसी यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण फेलोशिप और स्कॉलरशिप की फंडिंग 30 सितंबर 2020 तक जारी रहेगी
कोरोना महामारी के कारण स्कूल और कॉलेज को लॉकडाउन के तहत बंद रखने का आदेश दिया गया है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि लॉकडाउन के अंतिम चरण में ही स्कूल, कॉलेजों एवं कोचिंग सेंटर को खोला जाएगा. स्कूल के अलावा कॉलेजों में भी ऑनलाइन क्लास का प्रचलन शुरु किया गया है. यूजीसी यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण फेलोशिप और स्कॉलरशिप की फंडिंग 30 सितंबर 2020 तक जारी रहेगी, यूजीसी ने फंडिंग में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया है. इस संबंध में आयोग की आधिकारिक वेबसाइट www.ugc.ac.in पर एक नोटिस भी जारी किया गया है.
इन Scholarship और Fellowship की फंडिंग रहेगी जारी
जारी नोटिफिकेशन में कई फेलोशिप और स्कॉलरशिप शामिल हैं जैसे यूजीसी रिसर्च अवॉर्ड्स फॉर फैकल्टी, फेलोशिप फॉर पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्चर्स, फेलोशिप फॉर डॉक्टोरल स्टूडेंट्स, स्कॉलरशिप फॉर पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स, मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप फॉर माइनोरिटी स्टूडेंट्स, नेशनल फेलोशिप फॉर स्टूडेंट्स विद डिसेबिलिटी, नेशनल फेलोशिप फॉर एससी स्टूडेंट्स, नेशनल फेलोशिप फॉर ओबीसी, एवं कई अन्य, जिनकी फंडिंग फिलहाल जारी रहेगी.
अन्य योजनाओं में बड़े पैमाने पर ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रम (एमओओसी), राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क, स्वच्छ भारत- स्वच्छ भारत अभियान और शैक्षणिक और अनुसंधान नैतिकता के लिए कंसोर्टियम (CARE) शामिल हैं. इसके अलावे कुछ योजनाएं विचाराधीन हैं और उन के बारे में घोषणा एक निर्णय के बाद जल्द ही प्रकाशित की जाएगी.
शिक्षाविदों और शोधार्थियों को कॆ किया गया सतर्क
यूजीसी ने शिक्षाविदों एवं शोधार्थियों को सर्तक किया है कि उनके शोध कार्य को पुन: प्रकाशित करना या उसका पूर्व में उपयोग होने का उल्लेख किये बगैर किसी अन्य संदर्भ में इस्तेमाल करना साहित्यिक चोरी के समान होगा. आयोग ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश दिया है कि पदोन्नति, चयन और शोध उपाधियां प्रदान करना आवदेक के प्रकाशित शोधकार्यों के मूल्यांकन के आधार पर होना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पदोन्नति और चयन के लिए जमा किये गये दस्तावेजों उन्होंने पूर्व में उपयोग नहीं किया हो.
यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने विश्वविद्यालयों को लिखे पत्र में यह कहा है. यूजीसी ने किसी शोधार्थी द्वारा अपने शोध कार्य का पूर्व में उपयोग होने का उल्लेख किये बगैर किसी अन्य संदर्भ में उसका इस्तेमाल किये जाने को अपनी ही कृति की साहित्यिक चोरी के रूप में परिभाषित किया है.