डाटा बेस मैनेजमेंट पर जोर दें
आइआइटी कानपुर के प्रो डॉ केआर श्रीवत्सन ने कहा है कि झारखंड के विश्वविद्यालयों को डाटा बेस मैनेजमेंट पर काम करना चाहिए. यह दुखद है कि यहां किसी भी क्षेत्र की विस्तृत जानकारी के लिए डाटा की कमी है.
आइआइटी कानपुर के प्रो डॉ केआर श्रीवत्सन ने कहा है कि झारखंड के विश्वविद्यालयों को डाटा बेस मैनेजमेंट पर काम करना चाहिए. यह दुखद है कि यहां किसी भी क्षेत्र की विस्तृत जानकारी के लिए डाटा की कमी है. चाहे वह स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के क्षेत्र हों. विवि के प्रत्येक विभाग में डाटा बेस मैनेजमेंट पर काम होना चाहिए.
एमसीए विभाग इस दिशा में बेहतर कार्य कर सकते हैं. डॉ श्रीवत्सन शनिवार को रांची विवि अंतर्गत एमसीए विभाग में व्याख्यान दे रहे थे. उन्होंने कहा कि विवि यहां निवास कर रहे प्रत्येक जनजातीय समुदाय का भी डाटा बेस तैयार करे, ताकि इन समुदाय का समुचित विकास करने में मदद मिल सके.
हालांकि इस संंबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी बात हुई है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस क्षेत्र में विशेष तौर पर काम होगा. डॉ श्रीवत्सन ने राज्य में खुल रहे झारखंड एजुकेशन ग्रिड की जानकारी दी. कहा कि सामान्य शिक्षा के लिए रांची विवि और तकनीकी शिक्षा के लिए झारखंड तकनीकी विवि को नोडल विवि बनाया गया है.
सर्टिफिकेट कोर्स में ले सकते हैं एडमिशन : डॉ रमेश पांडेय
झारखंड तकनीकी विवि के कुलपति डॉ गोपाल पाठक ने कहा कि विवि में चल रहे कोर्स में फाइनल इयर में जमा होनेवाले प्रोजेक्ट में डाटा बेस को प्रमुखता से आधार बनाकर विद्यार्थी इस दिशा में कार्य कर सकते हैं. उन्होंने एमसीए विभाग के विद्यार्थियों की टीम बना कर डाटा बेस के क्षेत्र में काम करने की सलाह दी.
रांची विवि के कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि मुख्य कोर्स के साथ-साथ विद्यार्थी डाटा बेस तैयार करने सहित अन्य संबंधित सर्टिफिकेट कोर्स में नामांकन लेकर अपनी कार्यक्षमता बढ़ा सकते हैं. विद्यार्थी को इस तरह के कोर्स कर अपना कौशल सहित व्यक्तित्व विकास भी कर सकते हैं. रोजगार प्राप्त करने में भी उन्हें सहायता मिलेगी. इससे पूर्व डॉ आशीष कुमार झा ने आगंतुकों का स्वागत किया व विषय प्रवेश कराया.
ये थे मौजूद : इस मौके पर स्नातकोत्तर गणित विभाग अध्यक्ष डॉ सहदेव महतो, डॉ सीएसपी लुगून, कौशिक हलधर, श्याम सौरभ, स्वागता घोष, आशीष मोहन, नाजिया परवीन आदि मौजूद थे.