UPSC Exam 2021 TIPS: UPSC तैयारी की दमदार स्ट्रेटजी, कोचिंग के बिना IAS की तैयारी कैसे करें, एक्सपर्ट से जाने महत्वपूर्ण टिप्स

UPSC Exam 2021 TIPS: प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी करते हुए अभ्यर्थी प्रायः स्टडी पर ही अधिक ध्यान देते हैं और परीक्षा के आखिरी वक्त तक कुछ-न-कुछ पढ़ते रहते हैं. जबकि प्रीलिम्स में सफल होने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ प्रैक्टिस करना बेहद जरूरी है.

By Prabhat Khabar News Desk | March 12, 2021 10:06 AM

UPSC Exam 2021 TIPS: सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा का मुख्य उद्देश्य अभ्यर्थी के तथ्यात्मक ज्ञान को परखने के साथ उसकी तत्काल निर्णय लेने की क्षमता को जांचना है. पिछले कुछ वर्षों में इसके प्रश्नों की प्रकृति में काफी बदलाव आया है, इसलिए इस चरण की तैयारी नये अप्रोच के साथ होनी चाहिए. प्रारंभिक परीक्षा का स्वरूप वस्तुनिष्ठ प्रकार का होता है, लेकिन इसके लिए तथ्य के साथ-साथ अवधारणात्मक समझ जरूरी है. इसकी तैयारी के लिए किसी भी तरह का शॅार्टकट अपनाये बिना सिलेबस को कवर करना चाहिए. सीसैट पेपर के लिए भी यही रणनीति होनी चाहिए.

ऐसे करें तैयारी 

  • मैथ्स और रीजनिंग आदि के बेसिक्स को एक बार समझ लिया जाये, तो किसी भी तरह के प्रश्न को हल किया जा सकता है. दोनों पेपर के किसी भी टाॅपिक को पढ़ने से पहले उससे पूछे गये प्रश्नों का विश्लेषण भी करें, ताकि जान सकें कि प्रश्न कहां से और किस प्रकार से पूछे जाते हैं.

  • सामान्य अध्ययन का दायरा काफी बड़ा है, अतः इसकी सीमाओं को समझें. इसकी तैयारी के दौरान पुस्तकों का अधिकाधिक संग्रह करने से बचें. हमेशा मानक पुस्तकें ही पढ़ें और बार-बार पढ़ें यानी कम पुस्तकें ज्यादा बार पढ़ें, न कि ज्यादा पुस्तकें एक बार. आपको सभी प्रश्नों का उत्तर नहीं देना है और पुस्तकों के किसी भी एक सेट से 80-90 प्रश्न आसानी से मिल जाते हैं.

  • सामान्य अध्ययन के लिए आप एनसीइआरटी की पुस्तकों को सर्वाधिक वरीयता दें. इससे आप मुख्य परीक्षा में भी सहजता महसूस करेंगें. साथ ही, एक राष्ट्रीय समाचार पत्र व एक मासिक पत्रिका का नियमित अध्ययन अवश्य करें. सावधानी रखें कि दुर्लभ तथ्यों से अधिक सामान्य तथ्यों पर ध्यान दें, क्योंकि मुश्किल से 10-15 प्रश्न ही दुर्लभ तथ्यों पर आधारित होते हैं.

  • क्या सामान्य अध्ययन के किसी एक या दो खंडों को छोड़ा जा सकता है? जवाब ‘न’ में है. प्रत्येक खंड पढ़ें, ताकि जिन खंडों में आप कमजोर हैं, वहां से अधिक नहीं तो कम से कम 30-35 प्रतिशत प्रश्न हल कर लें.

  • प्रश्नपत्र हल करते समय कोई चांस न लें और लालच का पूर्ण त्याग करते हुए ऐसे प्रश्न को बिल्कुल न छुएं जिसका आपको सही उत्तर न आता हो. ध्यान रहे कि इस परीक्षा में निगेटिव मार्किंग लागू है. प्रत्येक गलत उत्तर पर निर्धारित अंक का एक तिहाई (0.33 अंक) निगेटिव मार्किंग के रूप में काट लिया जायेगा. अतः गलत उत्तर करने का जोखिम न लें. परीक्षा कक्ष में समय प्रबंधन का ख्याल रखें.

  • जो भी पढ़ें, ठोस पढ़ें. तथ्यों की बारीकी से परिचित रहें ताकि सही उत्तर चुनते समय मिलते-जुलते विकल्पों से कंफ्यूजन न हो. जिन बिंदुओं पर कंफ्यूजन हो उनका नोट्स बनायें. साथ ही कुछ छोटे-छोटे संकेतक तय कर लें, जो आपको तथ्यों को याद दिलाने में सहायक हों.

  • परीक्षा से पूर्व अभ्यास करने पर अधिक बल दें. जो प्रश्न विगत वर्षों में सिविल सेवा परीक्षा में पूछे गये हैं, उन्हें हल करें. आप अगर अन्य राज्य सेवाओं की परीक्षा के प्रश्नों को भी हल करेंगे तो लाभ होगा.

सीसैट जोखिम से भरा पेपर

यह क्वाॅलिफाइंग पेपर है, जिसमें न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य है. इसे किसी भी स्तर पर नजरअंदाज करना घातक हो सकता है, क्योंकि इसमें अभ्यर्थी कई बार न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक भी नहीं ला पाते. सीसैट पेपर का उद्देश्य अभ्यर्थी की व्यावहारिक समझ को जांचना है और इसीलिए मैनेजमेंट की कैट और मैट प्रणाली की तर्ज पर यहां भी एप्टीट्यूट टेस्ट को शामिल किया गया है.

प्रीलिम्स यानी प्रैक्टिस

प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी करते हुए अभ्यर्थी प्रायः स्टडी पर ही अधिक ध्यान देते हैं और परीक्षा के आखिरी वक्त तक कुछ-न-कुछ पढ़ते रहते हैं. जबकि प्रीलिम्स में सफल होने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ प्रैक्टिस करना बेहद जरूरी है. प्रैक्टिस के लिए पिछले वर्षों के प्रश्नों के साथ-साथ किसी अच्छे प्रकाशन की प्रैक्टिस बुक लेकर अभ्यास किया जा सकता. बेहतर होगा कि प्रैक्टिस करते हुए आप जिन विषयों या खंडों में कठिनाई महसूस करें, उसका रिवीजन करते चलें.

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