पटना. शिक्षक की एक गलती ने शुभम को टॉपर बना दिया. अपनी सफलता की कहानी शेयर करते हुए कहा कि मैं अपनी यह सफलता एक दिन में नहीं बल्कि इसके निरंतर प्रयास से प्राप्त किया है. फोन पर बात करते हुए उन्होंने अपने जीवन की एक रोचक कहानी शेयर करते हुए कहा कि तब मैं छठी क्लास में पढ़ा करता था. मेरे एक सही सवाल को मेरे शिक्षक ने गलत कर दिया और मुझे अपने आप पर विश्वास था कि मैंने सही जवाब दिया है.
इसी प्रकरण ने मेरा पूरा मूड बदल दिया. फिर मैंने पटना जाने का फैसला किया, जिसे मेरे पेरेंट्स ने मान ली और वहीं से मेरी लाइफ ने टर्न लिया. उसके बाद से आगे की पढ़ाई पटना और दूसरे शहरों में हुई और आज मैं सिविल सर्विसेज परीक्षा 2020 में टॉप कर पाया. शुभम बिहार के कटिहार के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी इस सफलता से न सिर्फ अपने जिले बल्कि पूरे बिहार का मान बढ़ाया है.
3 साल, 7-8 की पढ़ाई ने बदल दी शुभम की जिंदगी
यूपीएसी में अपनी इस सफलता को लेकर शुभम ने कहा कि वह हर दिन करीब 7-8 घंटे की पढ़ाई करते हैं. उनका यह रूटीन करीब 3 साल से है. उनके इस प्रयास से उन्हें यह सफलता मिली है. शुभम कहते हैं कि भले ही छात्र किसी कोचिंग की मदद लें या ऑनलाइन स्टडी मटेरियल. उन्हें सबसे ज्यादा सेल्फ स्टडी पर फोकस रखना चाहिए. छात्रों को विषय को अच्छे से समझना चाहिए और फिर बेहतर मार्गदर्शन के साथ तैयारी करनी चाहिए उन्हें सफलता जरूर मिलेगी.
पहली पसंद बिहार दूसरी मध्यप्रदेश
शुभम ने कैडर चुनने को लेकर कहा है कि उनकी पहली पसंद तो बिहार कैडर होगी. अगर बिहार नहीं मिला दूसरे नंबर पर मध्यप्रदेश उनकी चॉइस होगी. शुभम ने 2019 की परीक्षा में भी 290 रैंक लाया था. यह उनका दूसरा प्रयास था और उन्होंने देश भर में टॉप कर न सिर्फ अपने माता-पिता या परिजनों का बल्कि पूरे बिहार का मान बढ़ाया है. शुभम का कहना है आईपीएस की जगह उन्होंने आईएएस इसलिए ऑप्ट किया क्यों कि यह उनके व्यक्तित्व के हिसाब से है और वो इसको एन्जॉय भी करेंगे.
गांव के विकास पर देंगे विशेष जोर
शुभम कहते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, यहां की करीब 70 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निभर है. ऐसे में वो गांव के विकास पर विशेष जोर देंगे. शुभम का कहना है कि मैं खुद कटिहार के ग्रामीण इलाके से ताल्लुक रखते हैं. इसलिए मुझे ग्रामीण इलाकों की स्थिति पता है. शुभम ने कहा कि यूपीएसी वाले इंटरव्यू में भी उनसे यह सवाल पूछा गया कि आप ग्रामीण इलाके से आते हैं तो ग्रामीण विकास के लिए क्या करेंगे. इसलिए मैं इस ओर विशेष रूप से काम करना चाहता हूं.
कहीं भी रहकर कर सकते हैं तैयारी
शुभम का मानना है कि सोशल मीडिया के इस दौर में यूपीएससी की तैयारी के लिए ऐसा नहीं है किसी खास कोचिंग संस्थान या शहर में जाकर ही परीक्षा की तैयारी की जा सकती है. बल्कि परीक्षा की तैयारी कोई भी छात्र कहीं भी कर सकता है. बस उसे अपने तैयारी को लेकर डेडिकेटेड होना चाहिए. डिजिटल मीडियम के जमाने में ऑनलाइन या यूट्यूब पर एक से बढ़कर स्टडी मटेरियल उपलब्ध है. परीक्षार्थी उससे तैयारी कर सकते हैं. इसलिए जिन्हें लगता है कि वो बिहार में तैयारी नहीं कर सकते हैं तो ऐसा बिलकुल भी नहीं है. छात्र किसी भी शहर या गांव में भी रहकर तैयारी कर सकते हैं.