करियर में ट्रेंड कर रहे हैं ये सेक्टर

बीते कुछ वर्षों में बिजनेस एवं मार्केटिंग से जुड़े कई सेक्टर पूरी तरह बदल गये हैं. इन सेक्टर में कामकाज का तरीका भी पहले से अलग हो चुका है. जिसके चलते इनमें जॉब के मौके और मार्केट शेयर भी बढ़ गया है.

By Shaurya Punj | March 11, 2020 11:44 PM

सोशल मीडिया के बढ़ते प्रसार के मद्देनजर इन्फॉर्मेशन शेयरिंग के मायने भी बदल गये हैं. इन दिनों पारंपरिक सेक्टर की तुलना में युवाओं के लिए मास कम्युनिकेशन, मीडिया साइंस, फैशन एवं इंटीरियर डिजाइनिंग और लिबरल आर्ट्स में नये स्कोप बन रहे हैं.

ऑफबीट करियर

शिखर चंद जैन

बीते कुछ वर्षों में बिजनेस एवं मार्केटिंग से जुड़े कई सेक्टर पूरी तरह बदल गये हैं. इन सेक्टर में कामकाज का तरीका भी पहले से अलग हो चुका है. जिसके चलते इनमें जॉब के मौके और मार्केट शेयर भी बढ़ गया है.

सोशल मीडिया के बढ़ते प्रसार के मद्देनजर इन्फॉर्मेशन शेयरिंग के मायने भी बदल गये हैं. इन दिनों पारंपरिक सेक्टर की तुलना में युवाओं के लिए मास कम्युनिकेशन,

मीडिया साइंस, फैशन एवं इंटीरियर डिजाइनिंग और लिबरल आर्ट्स में नये स्कोप बन रहे हैं.

मास कम्युनिकेशन

अपने नाम के मुताबिक ही इस फील्ड की मांग बड़ी संख्या में लोगों के साथ संवाद है. अगर भाषाओं को समझने, लिखने और बोलने में आपकी अच्छी कमांड है और आप लोगों के साथ संवाद के माध्यम से जुड़ने में सक्षम हैं, तो यह फील्ड आपके लिए है. आप दूसरों की मन:स्थिति समझने की क्षमता रखते हैं और आउट ऑफ बॉक्स आइडियाज अप्लाई करने में हिचकते नहीं हैं, तो आपको सफलता अवश्य मिलेगी. इन सब के साथ लगातार सीखने की इच्छा आपको अतिरिक्त लाभ दिलायेगी. मास कम्युनिकेशन में डिग्री आपको ट्रेडिशनल ही नहीं न्यू एज मीडिया में भी रोजगार के अवसर दिला सकती है. मास कम्युनिकेशन में अंडर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं. अगर आप मास कम्युनिकेशन उच्च शिक्षा प्राप्त कर लेते हैं, तो आपको डबल बेनिफिट मिलेगा और आपका करियर नयी ऊंचाई पर जा सकता है. जिन छात्रों को फिल्म लाइन में अपना करियर बनाना है, उनके लिए भी मास कम्युनिकेशन की डिग्री बेहद उपयोगी और फायदेमंद साबित होगी.

मीडिया साइंस

हमारे देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता समाज की बुनावट में बड़ी भूमिका निभाती है. इसमें मीडिया डेवलपमेंट एजेंट का काम करती है. मास मीडिया के फील्ड में मीडिया साइंस एक कोर्स है. इसमें रेडियो, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, टीवी सब शामिल है. मीडिया साइंस को एक जनरल सब्जेक्ट की तरह ट्रीट किया जा सकता है. लेकिन, इसमें कुछ स्पेसिफिक एरिया कवर किये जाते हैं. जैसे, एडवरटाइजिंग, पब्लिक रिलेशन, इवेंट मैनेजमेंट आदि. मीडिया साइंस में बैचलर डिग्री रोजगार के अवसर दे सकती है. मीडिया साइंस का कोर्स कंप्लीट करके ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म, मीडिया घरानों, विभिन्न इंडस्ट्रीज, फैशन एंड इवेंट फोटोग्राफी, न्यूज एंकरिंग, न्यूज होस्ट, पब्लिक रिलेशन ऑफिसर, मार्केट रिसर्च आदि में जॉब कर सकते हैं. अतिरिक्त योग्यता व अवसर के लाभ के लिए मीडिया में मास्टर्स डिग्री ली जा सकती है. इससे डिजिटल फोटोग्राफी, डिजिटल मार्केटिंग और फैकल्टी पोजीशन के चांस भी बढ़ते हैं.

फैशन डिजाइनिंग एंड इंटीरियर्स

बड़ी-बड़ी शादियों, फिल्म इंडस्ट्री, रेड कारपेट इवेंट्स और सेलिब्रिटी आदि के लिए फैशन डिजाइनर्स ही कपड़े डिजाइन करते हैं. ये ट्रेंड के साथ चलते हैं और नाम कमा लेते हैं, तो खुद ही ट्रेंडसेटर भी बन जाते हैं. फैशन डिजाइनर को माहौल, मौसम और मौके के मुताबिक फैब्रिक, कलर, डिजाइन, स्थानीय संस्कृति, मौजूदा फैशन ट्रेंड आदि की जानकारी होनी चाहिए. इसके बेसिक प्रोसेस में रिसर्च, कागज पर स्केचिंग तैयार करने के लिए पैटर्न पीस की शेपिंग और असेंबलिंग आदि शामिल हैं. इन दिनों लोगों में फैशन कॉन्शसनेस बढ़ने के कारण फैशन डिजाइनर्स की काफी डिमांड है. डिजाइनिंग का कोर्स प्रतिष्ठित एवं मान्यताप्राप्त इंस्टीट्यूट से करना चाहिए. इंटीरियर डिजाइनर्स घरों, दफ्तरों, शोरूम, कारपोरेट हाउस आदि की डिजाइनिंग, रिनोवेशन, फर्नीचर, कलर स्कीम, लाइटिंग आदि का काम करते हैं. इन्हें उपलब्ध स्पेस का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना आना चाहिए. इनकी कोशिश होनी चाहिए कि नेचुरल रोशनी ज्यादा से ज्यादा उपलब्ध हो सके और इलेक्ट्रिसिटी का कम से कम इस्तेमाल हो. इसके लिए 3डी डिजाइन, इंटीरियर आर्किटेक्चर, इंटीरियर डिजाइन में कोर्स करना जरूरी है, ताकि पेशे की बारीकियों व तकनीकी जरूरतों को समझा जा सके.

लिबरल आर्ट्स

साहित्य, भाषा, कला, संगीत और दर्शन के इतिहास, गणित, मनोविज्ञान, विज्ञान और इतिहास के खास हिस्से इसमें शामिल हैं. लिबरल एजुकेशन विद्यार्थी को समाज में विविधता और परिवर्तन से डील करने के लिए तैयार करती है. यहां आर्ट्स, बायोलॉजी और फिजिकल साइंस का कॉन्बिनेशन, सोशल साइंस, ह्युमेनिटी आदि सीखने को मिलते हैं. लिबरल आर्ट्स की शाखाओं में इंग्लिश, इकोनॉमिक्स, बिजनेस स्टडीज, मीडिया स्टडीज, साइकोलॉजी, सोशियोलॉजी, पॉलिटिकल साइंस, पब्लिक पॉलिसी एंड स्टेटिसटिक्स आदि शामिल हैं. लिबरल आर्ट्स की डिग्री रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध करवा सकती है. मास्टर डिग्री लेना एडिशनल क्वालिफिकेशन माना जाता है. इससे आपकी आर्थिक, सामाजिक समझ, जानकारी और जनरल नॉलेज का दायरा काफी बढ़ जाता है. यह क्रिएटिविटी, कम्युनिकेशन और क्रिटिकल थिंकिंग इंप्रूव करती है .

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