कोलकाता (भारती जैनानी): पश्चिम बंगाल में मैट्रिक और इंटर के छात्रों का मूल्यांकन किस तरह से होगा, यह अब स्पष्ट हो गया है. पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा पर्षद और पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक काउंसिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके शुक्रवार (18 जून) को यह जानकारी दी है. 10वीं और 12वीं के मूल्यांकन की प्रक्रिया अलग-अलग होगी. माध्यमिक के विद्यार्थियों के मूल्यांकन में 50 फीसदी अंक 9वीं कक्षा में प्राप्त अंक के आधार पर तय होंगे, जबकि 50 फीसदी अंक 10वीं में इंटरनल असेसमेंट के आधार पर दिये जायेंगे.
वहीं, 12वीं के छात्रों का रिजल्ट तैयार करते समय 40 फीसदी अंक (10वीं के सबसे बेहतरीन 4 विषयों) और 60 फीसदी अंक (11वीं की थ्योरी) के आधार पर दिये जायेंगे. इसके साथ ही 12वीं के प्रैक्टिकल में मिले अंकों को भी ध्यान में रखकर 12वीं का अंतिम रिजल्ट जारी किया जायेगा. गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की घोषणा के बाद शुक्रवार को उच्च माध्यमिक शिक्षा पर्षद के कार्यालय विद्यासागर भवन में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के मूल्यांकन पद्धति की घोषणा की गयी.
यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली ने बताया कि छात्रों ने वर्ष 2019 में जो नौवीं की परीक्षा दी थी, उसकी मार्क्सशीट और दसवीं के इंटरनल असेसमेंट के आधार पर 50-50 वेटेज से माध्यमिक 2021 के नतीजे निकाले जायेंगे. दोनों के अंकों को समान महत्व दिया जायेगा. छात्रों की 9वीं की वार्षिक परीक्षा के अंक स्कूलों को तय समय के अंदर शिक्षा बोर्ड में भेजने होंगे.
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अध्यक्ष ने कहा कि अगर कोई छात्र मूल्यांकन की इस पद्धति से संतुष्ट नहीं है, तो वह बाद में स्थिति सामान्य होने पर परीक्षा में शामिल हो सकता है. अगर छात्र परीक्षा में बैठते हैं, तो उस परीक्षा के परिणाम को अंतिम माना जायेगा. इसके बाद रिजल्ट में कोई बदलाव नहीं होगा.
West Bengal Board releases evaluation criteria for Class 10th & 12th Board examinations
For Class 10: 50% of (Class 9 marks)+ (50% of Class 10 internal assessment marks).
For Class 12: 40% (Best of 4 subs in Class 10) + 60% (Class 11 theory results) + (Class 12 & practicals).
— ANI (@ANI) June 18, 2021
वहीं, उच्च माध्यमिक शिक्षा पर्षद की अध्यक्ष महुआ दास ने बताया कि उच्च माध्यमिक (12वीं) के मूल्यांकन में छात्रों की वर्ष 2019 में हुई सेकेंडरी (मैट्रिक) परीक्षा के चार सबसे ज्यादा अकों वाले विषयों को 40 प्रतिशत वेटेज, वर्ष 2020 की 11वीं की वार्षिक परीक्षा के थ्योरी के नंबर और 12वीं के प्रोजेक्ट-प्रैक्टिकल के अंकों को मिलाकर 60 प्रतिशत वेटेज देकर मूल्यांकन किया जायेगा. इस 60 प्रतिशत में कक्षा 11वीं के थ्योरी रिजल्ट और 12वीं के प्रोजेक्ट व प्रैक्टिकल मार्क्स शामिल होंगे.
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इसमें 12वीं के लैब बेस्ड विषयों के प्रैक्टिकल के 30 अंक और नॉन लैब बेस्ड विषयों के लिए 20 अंक छात्रों को दिये जाते हैं. अध्यक्ष ने कहा कि अगर छात्र मूल्यांकन से संतुष्ट नहीं हैं, तो स्थिति सामान्य होने के बाद परीक्षा में बैठ सकते हैं. परीक्षा में बैठने के बाद उसके परिणाम को अंतिम माना जायेगा. एचएस काउंसिल की ओर से कहा गया है कि स्कूलों को 23 जून तक छात्रों के 11वीं की वार्षिक परीक्षा के अंक काउंसिल में जमा करवाने होंगे. इस प्रक्रिया में सभी का सहयोग मिलने पर परिणाम जुलाई तक प्रकाशित किया जा सकता है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निर्देश दिया है कि जुलाई के अंदर ही परीक्षा के नतीजे घोषित किये जायेंगे. इसी के आधार पर प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जायेगी, ताकि समय पर नतीजे घोषित किये जा सकें. ध्यान रहे, 7 जून को मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से इस साल माध्यमिक और उच्च माध्यमिक की परीक्षा रद्द करने की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री ने दो परीक्षा-संचालन निकायों के अध्यक्षों से उनके द्वारा किये गये मूल्यांकन का विवरण प्राप्त करने के लिए कहा था. इसी के आधार पर शुक्रवार को मूल्यांकन पद्धति की घोषणा की गयी है.
Posted By: Mithilesh Jha