इशिता अपने एजुकेशनल बैकग्राउंड के बारे में बताएं.
मैंने स्कूली शिक्षा डीएवी पब्लिक स्कूल, वसंत कुंज से पूरी की. इसके बाद इकोनॉमिक्स में दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया, फिर इकोनॉमिक्स में ही पोस्ट ग्रेजुएशन मद्रास स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से किया है.
करियर के लिए आपने सिविल सर्विसेज को ही क्यों चुना?
मेरे माता-पिता दोनों दिल्ली पुलिस में कार्यरत थे. उन्होंने बचपन से ही मुझे यूपीएससी की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. मैं जब उस पड़ाव पर पहुंची, जहां मुझे अपने लिए एक करियर विकल्प चुनना था, तब मुझे लगा कि सिविल सर्विसेज वह प्लेटफॉर्म है, जहां मैं सोसाइटी की बेहतरी के लिए अपनी नॉलेज व स्किल्स का पूरा उपयोग कर सकती हूं.
तैयारी कब शुरू की और सफलता में कितना समय लगा?
मैंने यूपीएससी की तैयारी पोस्ट ग्रेजुएशन के आखिरी सेमेस्टर में शुरू की थी. पीजी के बाद पहली बार परीक्षा दी, लेकिन प्रीलिम्स पास नहीं कर सकी. इसके बाद मैंने एक साल का ब्रेक लिया और 2019 में पूरे फोकस के साथ तैयारी शुरू की. वर्ष 2020 में फिर परीक्षा में शामिल हुई. इस बार इंटरव्यू राउंड तक पहुंचने में सफल हुई, लेकिन इस बार भी मेरी रैंक नहीं बन सकी. निराश होने की बजाय मैंने फिर से परीक्षा देने का फैसला किया और 2021 में मुझे यूपीएससी में आठवीं रैंक मिली.
दो बार परीक्षा में असफल होने के बाद भी आपने खुद को कैसे लक्ष्य के प्रति फोकस्ड बनाये रखा?
पहले प्रयास में असफल होने पर मुझे इतना बुरा नहीं लगा, क्योंकि मैंने उसमें अपना 100 प्रतिशत नहीं दिया था. दूसरी बार की परीक्षा मैंने 100 प्रतिशत तैयारी के साथ दी थी. इंटरव्यू तक पहुंची इस बात की मुझे बेहद खुशी थी, लेकिन मात्र 10 अंकों के अंतर से मेरा चयन नहीं हो पाया, तो मुझे काफी दुख हुआ. तभी अगली परीक्षा का नोटिस भी आ गया. ऐसे में दुखी होने की बजाय मैंने सेल्फ मोटिवेशन के साथ एक बार फिर परीक्षा देने का फैसला किया.
आपने किसी कोचिंग की मदद नहीं ली. ऐसे में तैयारी करना कितना मुश्किल रहा?
मैंने यूपीएससी का सिलेबस देखा था और टॉपर्स टॉक भी देखी थी. इन दोनों को सुन कर मुझे लगा कि एक अच्छी स्ट्रेटजी के साथ जनरल शेड्यूल की तैयारी बिना कोचिंग के की जा सकती है. यूपीएससी में मेरा ऑप्शनल सब्जेक्ट इकोनॉमिक्स था. इसी विषय में मैंने मास्टर्स की थी, तो मुझे इस की अच्छी जानकारी थी. मुझे खुद पर यकीन था कि बिना कोचिंग के मैं ऑप्शनल की तैयारी भी कर लूंगी.
आप हर दिन कितने घंटे पढ़ाई करती थीं?
मैं अपने लिए वीकली टारगेट बनाती थी और वीकली टारगेट को डेली टारगेट में बांट लेती थी. मैंने अपने टारगेट के हिसाब से ही पढ़ाई की. अगर मेरा डेली टारगेट 6 घंटे में पूरा हो जाता था, तो मैं 6 घंटे में ही पढ़ाई रोक देती थी. टॉपिक के अनुसार कभी-कभी 9 घंटे तक भी पढ़ना पड़ता था. मैंने पढ़ाई के घंटों की बजाय अपने टारगेट पर फोकस किया और उन्हें कभी अगले दिन के लिए नहीं छोड़ा. हमेशा वक्त पर टारगेट्स को पूरा किया.
प्रीलिम्स क्लियर करने के बाद मेंस की तैयारी कैसे की?
मेरी स्ट्रेटजी यह थी कि प्रीलिम्स में बैठने से पहले ही मैं मेंस का 80 प्रतिशत तक सिलेबस खत्म कर लूं. प्री के साथ-साथ मैं मेंस के लिए भी नोट्स तैयार करती रही, मैंने कुछ आसंर भी लिख लिये थे. ऐसे में प्रीलिम्स से मेंस के बीच मुझे जो समय मिला, उस वक्त मेरे पास वह स्टडी मटेरियल तैयार हो चुका था, जिसका मुझे रिवीजन करना था. इस दौरान मेरा फोकस अपने नोट्स का मल्टीपल रिवीजन करने और टेस्ट सीरीज में हिस्सा लेने पर था. मैंने बहुत सारे आंसर लिखे और बहुत सारी टेस्ट सीरीज में हिस्सा लिया, इसी से मेरी तैयारी को मजबूती मिली.
सोशल मीडिया से खुद को डिसट्रैक्ट होने से कैसे बचाया?
मैंने खुद को फोन के अतिरिक्त उपयोग से दूर रखा. फोन से सारे ऐप हटा दिये. शुरू थोड़ी दिक्कत हुई फिर डिसिप्लीन बन गया.
इंटरव्यू के बारे में कुछ बताइए.
यूपीएससी के इंटरव्यू में तीन चीजें महत्वपूर्ण होती हैं- पहली आस-पास के माहौल की जानकारी, जो आपको करेंट अफेयर्स और न्यूजपेपर से मिलती है. दूसरा अपने बारे में संपूर्ण जानकारी, जो भी आप एप्लीकेशन फॉर्म में भरते हैं, हॉबी, एजुकेशनल बैकग्राउंड, स्कूल, कॉलेज आपको उनके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए. तीसरी चीज मायने रखती है आपकी पर्सनैलिटी, आप किस तरह से बात कर रहे हैं, चैलेंजिंग प्रश्नों के उत्तर किस तरह से दे रहे हैं. दबाव में कैसा परफॉर्म कर रहे हैं. इन तीन चीजों के कॉम्बिनेशन से आप इंटरव्यू की तैयारी कर सकते हैं.