XISS में संचालित पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (पीजीडीएम) कोर्स को नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रेडेशन (एनबीए) की मान्यता मिल गयी है. संस्थान से पीजीडीएम कोर्स करने वाले विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा. एक्सआइएसएस में पीजीडीएम कोर्स के तहत चार संकाय ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, रूरल मैनेजमेंट, मार्केटिंग मैनेजमेंट और फाइनेंशियल मार्केटिंग संचालित है. एनबीए की मान्यता मिलने से संस्थान के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए आवेदन करने में सुविधा होगी.
निदेशक डॉ जोसेफ मरियानुस कुजूर ने बताया कि एनबीए के लिए संस्थान ने जनवरी 2022 में आवेदन किया था. मई 2022 में संस्थान की ऑडिट प्रक्रिया पूरी की गयी. इस उपलब्धि में एक्सआइएसएस की गवर्निंग बॉडी के सदस्यों, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्यों, प्राध्यापक समेत अन्य शिक्षकेतर कर्मियाें का सहयोग रहा है. आनेवाले दिनों में संस्था विद्यार्थियों को सामाजिक रूप से जागरूक करने के साथ-साथ एक पेशेवर प्रबंध कर्मी के रूप में तैयार कर सकेगी.
एकेडमिक डीन डॉ अमर एरोन तिग्गा ने कहा कि संस्था कॉरपोरेट सेक्टर के बदलते परिवेश से परिचित है. एनबीए की मान्यता मिलने से पाठ्यक्रम और शिक्षा प्रणाली को मजबूती मिलेगी. बता दें कि जेवियर समाज सेवा संस्थान (एक्सआईएसएस), रांची पूर्वी भारत का एक प्रमुख बी-स्कूल है, जिसे राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) से अपने सभी स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्रबंधन कार्यक्रमों (पीजीडीएम) यानी मानव संसाधन प्रबंधन, ग्रामीण प्रबंधन, विपणन प्रबंधन, और वित्तीय प्रबंधन के लिए मान्यता प्राप्त हुई है.
एक्सआईएसएस के प्रत्यायन अधिकारी और एनबीए समन्वयक सुश्री आयुर्षि सहाय ने कहा संस्थान की प्रतिबद्धता और फैकल्टी, छात्रों, और पूर्ववर्ती छात्रों के समग्र विकास के लिए की गई वास्तविक पहलों को एनबीए ऑडिट टीम द्वारा मान्यता दी गई है. इसने अब संस्थान में प्रभावी शिक्षा और उद्योग में बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित किया है और हम आने वाले दिनों में इस तरह के और सम्मान के लिए आगे बढ़ेंगे.
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एनबीए द्वारा मान्यता का उद्देश्य शिक्षा में उत्कृष्टता को पहचानना और बढ़ावा देना है. यह छात्रों की नामांकन प्रक्रिया में संख्या और गुणवत्ता में सुधार को प्रोत्साहित करता है. प्रत्यायन स्नातकों की रोजगार क्षमता को बढ़ाता है, फैकल्टी को शैक्षणिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करता है और संस्थान में चुनौतीपूर्ण शैक्षणिक वातावरण बनाने में मदद भी करता है.