Jharkhand News (अभिषेक पीयूष, चाईबासा) : चिकित्सकों की भारी कमी से जूझ रहे पश्चिमी सिंहभूम जिले को कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से पूर्व राज्य सरकार ने बड़ा झटका दिया है. दरअसल विगत शनिवार देर शाम जारी अधिसूचना के मुताबिक, जिले से कुल 26 चिकित्सकों का स्थानांतरण दूसरे जिलों में कर दिया गया है. जबकि इसके एवज में जिले को मात्र 5 चिकित्सक ही सरकार दे सकी है.
स्थानांतरित चिकित्सकों में कई ऐसे डॉक्टर भी शामिल हैं, जिन्होंने सदर अस्पताल समेत कई अन्य अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रखा था. इतना ही नहीं, स्थानांतरित चिकित्सकों में जिले भर के कुल 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) के 11 प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों का नाम भी शामिल है. स्थानांतरित सभी संबंधित चिकित्सकों को 15 दिनों के अंदर अधिसूचित पद पर योगदान देने का निर्देश दिया गया है.
जिले से स्थानांतरित कुल 26 चिकित्सकों की सूची में सदर प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सह कुपोषण निवारण केंद्र, चाईबासा के प्रभारी डॉ जगन्नाथ हेम्ब्रम, पश्चिमी सिंहभूम के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी-2 का प्रभार संभाल रहे डॉ बीरेंद्र कुमार सिंह, सीनियर गायनोलॉजिस्ट डॉ विनोद कुमार पंडित, डॉ मीरा कुमार अरुण, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ सियोन केरकेट्टा, चिकित्सा पदाधिकारी सेलीन टोपनो के अलावा चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी डॉ राजेंद्र नाथ सोरेन, बंदगांव सीएचसी के प्रभारी डॉ क्रीस्टो मंगल बोदरा, जगन्नाथपुर सीएचसी के प्रभारी डॉ दीपक कुमार, मंझारी सीएचसी के प्रभारी डॉ सनातन चातर, मंझगांव सीएचसी के प्रभारी डॉ बिरांगना सिंकू, गोइलकेरा सीएचसी के प्रभारी डॉ नरेश बास्के, झींकपानी सीएचसी के प्रभारी डॉ अश्विनी कुमार, तांतनगर सीएचसी के प्रभारी डॉ धर्म महेश्वर महली, मनोहरपुर सीएचसी के प्रभारी डॉ नरेंद्र सुम्ब्रई व टोंटो सीएचसी के प्रभारी डॉ अनुप तिर्की का नाम शामिल है.
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जिले की कुल आबादी 15,02,338 है. इसके अनुपात में सरकार ने जिले के लिए कुल 215 चिकित्सकों के लिए पद सृजित कर रखा है, लेकिन विडंबना है कि आजतक सृजित पदों पर पूर्ण रूप से चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं हुई है. वहीं, अबतक जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था की कमान संभाल रहे कुल 91 चिकित्सकों में से 26 और कम हो गये है. जबकि इसके बदले जिले को मात्र 5 चिकित्सक ही मिले है. यानी अब जिले में मात्र 70 चिकित्सक ही बचे है. अब भी जिले में सृजित 215 पद के विरूद्ध 145 चिकित्सकों का पद रिक्त है.
राज्य का पश्चिमी सिंहभूम जिला कुपोषण के लिए देशभर में जाना जाता है. जिले को कुपोषण के लिहाज से अति पिछड़ा जिला भी घोषित किया गया है. NFHS के एक रिपोर्ट के अनुसार, जिले में 0-5 आयु वर्ष के करीब 37 हजार बच्चे कुपोषित है. वहीं 13.1 फीसदी बच्चे अति गंभीर कुपोषित की श्रेणी में है. इसे लेकर जिले में कुपोषण की रोकथाम के लिए सदर अस्पताल परिसर सहित सदर प्रखंड के बड़ाचिरू स्थित कल्याण अस्पताल में कुपोषण निवारण केंद्र (एमटीसी) संचालित है. जिले में कुपोषण निवारण केंद्र की स्थापना से लेकर अबतक सदर प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ जगन्नाथ हेम्ब्रम ही उक्त दोनों एमटीसी केंद्रों का अतिरिक्त प्रभार संभालते आ रहे है.
इधर, तीसरी लहर से निपटने के लिए सदर अस्पताल में बच्चों के लिए खासकर 40 बेड का पीडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट (PICU) बनाया गया है. दूसरी ओर जिले में विशेषज्ञ चिकित्सकों का घोर अभाव है. ऐसे में पहले से चिकित्सकों की कमी झेल रहे पश्चिमी सिंहभूम जिले में तीसरी लहर आने से संक्रमित बच्चों का इलाज संसाधन होते हुए भी राम भरोसे होगा. यानी तीसरी लहर कुपोषण पर भारी पड़ सकता है. जिले में पहली व दूसरी लहर के दौरान डॉक्टरों की कमी का खामियाजा लोग भुगत चुके हैं.
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जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल से कुल 6, जबकि अनुमंडल अस्पताल से 2 चिकित्सकों का स्थानांतरण किया गया है. इसके अलावा विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (नोवामुंडी, जगन्नाथपुर, बड़ाजामदा, झींकपानी, टोंटो, सोनुवा, मंझगांव, मंझारी, जैंतगढ़ व बंदगांव) से कुल 12 एवं विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (जराईकेला, दुधकुंडी, छोटानागरा, जंगलहाट व काठभारी) से 5 चिकित्सकों का तबादला किया गया है. वहीं, चक्रधरपुर के मोडिफाइड कष्ठ नियंत्रण इकाई से एक चिकित्सक का स्थानांतरण हुआ है. इसके बदले जिले के सिविल सर्जन सहित पांच चिकित्सक मिले है. इनमें सदर अस्पताल को एक, बड़ाजामदा सीएचसी को एक, तांतनगर सीएचसी को एक व टोंटो सीएचसी को एक चिकित्सक मिला है.
जिले के चक्रधरपुर स्थित अनुमंडल अस्पताल में चिकित्सकों के लिए कुल 10 पद सृजित है. इनमें 4 चिकित्सक पूर्व से पदस्थापित थे. जबकि अतिरिक्त 6 पद वर्षों से रिक्त है. वर्तमान में अनुमंडल अस्पताल से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी समेत 2 चिकित्सकों का स्थानांतरण किया गया है. ऐसे में अब अनुमंडल अस्पताल में सृजित 10 में से 8 पद रिक्त है. इसके अलावा चाईबासा स्थित अर्बन लेप्रोसी सेंटर, ब्लड बैंक, ब्लाइंडनेस कंट्रोल, मोबाइल ब्लाइंडनेस कंट्रोल यूनिट आदि पद भी वर्षों से रिक्त पड़े है.
Posted By : Samir Ranjan.