चाईबासा: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कांग्रेस नेता डॉ अजय कुमार और अन्य दो लोग संपत्ति विरुपण (स्वरूप में बदलाव) अधिनियम मामले में शनिवार को चाईबासा में प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ऋषि कुमार की अदालत में हाजिर हुए. कोर्ट ने 4 नेताओं को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने बताया कि चारों के खिलाफ रेलवे की जमीन पर बिना सूचना दिए पार्टी का बैनर-पोस्टर लगाने का आरोप था.
पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में अदालत ने किया बरी
झारखंड की चाईबासा कोर्ट ने शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, डॉ अजय कुमार समेत 4 आरोपियों को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. इस संबंध में बीते 18 मार्च को कोर्ट में सभी का बयान दर्ज हुआ था. इन चारों नेताओं पर वर्ष 2011 में जुगसलाई थाना क्षेत्र में बिना अनुमति के दूसरे की संपत्ति पर पार्टी का बैनर टांगने का आरोप था. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कांग्रेस का बैनर व डॉ अजय कुमार ने झारखंड विकास मोर्चा का बैनर टांग दिया था.
रेलवे की जमीन पर बैनर लगाने का आरोप
जुगसलाई थाने में चारों (स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कांग्रेस नेता डॉ अजय कुमार, फिरोज खान व नट्टू झा) के खिलाफ रेलवे पदाधिकारी सुनील कुमार चौधरी के बयान पर 26 जून, 2011 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. बचाव पक्ष के अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने बताया कि चारों के खिलाफ रेलवे की जमीन पर बिना सूचना दिए पार्टी का बैनर-पोस्टर लगाने का आरोप था. इस मामले में शनिवार को सुनवाई हुई और अदालत ने साक्ष्य के अभाव में इन्हें बरी कर दिया.