पश्चिमी सिंहभूम जिले चाईबासा में शनिवार को शांतिपूर्ण तरीके से ईद का त्योहार अकीदत और एहतराम के साथ मनाया गया. ईदगाह के अलावा शहर के चारों मस्जिद और मदरसे में नमाज पढ़ी गयी. ईदगाह में सुबह 7 बजे मौलाना ताहा हुसैन ने मुख्य नमाज पढ़ायी. मस्जिदों व नमाजगाहों में ईद- उल- फितर की नमाज घोषित समयानुसार पढ़ी गयी.
गले-शिकवे भूलकर लोगों ने एक दूसरे को लगाया गले
ईदगाह में नमाज अदा करने के बाद गले-शिकवे भूलकर सभी ने एक-दूसरे को गले लगकर ईद की बधाई दी. इससे पूर्व सभी अपने-अपने घरों से नहा-धोकर नए वस्त्र पहनकर ईदगाह मैदान पहुंचे. इसके बाद दोपहर से एक-दूसरे के यहां आने-जाने का सिलसिला चला जो देर रात तक चलता रहा. ईद के मौके पर सभी के घरों में सेवइयां सहित विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए गए थे.
‘पड़ोसी के यहां फांका है तो फजीलते नहीं, गुनाह मिलेंगे’
मौलाना ने कहा कि गरीब व मिसकीन भी बेहतर तरीके से ईद मना सकें. सदक-ए-फित्र वैसे लोगों को दें जिनके यहां फाकाकशी हो, जिन्हें कुछ भी नसीब न हो, अगर आप खुशियां मना रहे हैं और आपके पड़ोसी के यहां फांका है तो आपको ईद की फजीलते नहीं बल्कि गुनाह मिलेंगे. इसलिए गरीबों का बिल्कुल ख्याल रखें और इबादतें मकबूल हो, अच्छा कपड़ा पहनना सुन्नत है. इसलिए यह एहसास हो कि हम ईद का त्योहार मना रहे हैं.
सुरक्षा के रहे पुख्ता इंतजाम
ईदगाह समेत सभी मस्जिदों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. सभी चौक-चौराहों पर पुलिस बल और होमगार्ड के जवानों की तैनाती की गयी थी. ईदगाह में सदर अनुमंडल पदाधिकारी शशींद्र कुमार बड़ाईक, पुलिस अनुमंडल पदाधिकारी दिलीप खलखो, सदर अंचलाधिकारी गोपीनाथ उरांव, सदर थाना प्रभारी प्रवीण कुमार, निरंजन तिवारी के अलावा अन्य पुलिस पदाधिकारी मौजूद रहे.