चाईबासा (भागीरथी मांझी) : सदर अस्पताल परिसर में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे कर्मियों की हालत बिगड़ने लगी है. तबीयत खराब होने के बाद आज शुक्रवार सुबह पांच महिलाकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. आपको बता दें कि छंटनी की वापसी समेत 10 सूत्री मांगों को लेकर ये अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं. चाईबासा के विधायक दीफक बिरूवा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर कर्मचारियों की छंटनी पर रोक लगाने की मांग की है.
कर्मियों की तबीयत खराब होने की जानकारी मिलते ही सदर अस्पताल की टीम धरना स्थल पहुंची और जांच के बाद पांचों महिलाकर्मियों को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है. संघ के अध्यक्ष अरविंद लोहार ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होती हैं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. पांच महिला कर्मचारियों की हालत बिगड़ी है. इनमें चक्रधरपुर की फुलकुमारी बेहरा, पार्वती देवी, झींकपानी निवासी उमा कारवा, जगन्नाथपुर निवासी गीतांजली देवी व मीरा कुमारी शामिल हैं.
गुरुवार को धरना स्थल पर अस्पताल प्रबंधन, ठेकेदार और कर्मियो के बीच हुई त्रिपक्षीय वार्ता में छंटनी व स्थायीकरण की मांगों पर फैसला नहीं हो सका. इस वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा कर्मियों का नेतृत्व कर रहे थे. चाईबासा के विधायक दीफक बिरूवा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर कर्मचारियों की छंटनी पर रोक लगाने की मांग की है.
आपको बता दें कि झारखंड राज्य आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ के बैनर तले कर्मचारी 14 अक्तूबर से सदर अस्पताल परिसर में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. अपनी मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं से 22 अक्तूबर से कर्मियों ने भूख हड़ताल कर दी है. इन्हें विभिन्न राजनीतिक दलों के अलावा संघ का समर्थन मिल रहा है. इन्हें भरोसा दिया गया है कि वे इसके लिए अपने स्तर से पहल करेंगे और जरूरत पड़ी तो सड़क पर भी उतरेंगे.
Posted By : Guru Swarup Mishra