Jharkhand News: एशिया के सबसे घना साल के जंगल के रूप में प्रसिद्ध झारखंड के सारंडा में पिछले कई सालों से अवैध रूप से गांव बस रहे हैं. इसके लिए पेड़ों को काटकर हरियाली खत्म की जा रही है. एक बार फिर कोलबोंगा गांव के समीप कोयना वन प्रक्षेत्र की अंकुआ कंपार्टमेंट संख्या 48 में घुसपैठ कर गांव बसाने की कोशिश को गुरुवार को नाकाम कर दिया गया. हालांकि 10 हेक्टेयर जमीन पर मौजूद सैकड़ों पेड़ों को पांच दिनों में काट दिया गया है. वन विभाग व सीआरपीएफ की टीम ने मनोहरपुर, आनंदपुर, गोइलकेरा, खूंटी, बानो आदि इलाकों से आकर जंगल में बसने की कोशिश कर रहे 55 लोगों को जंगल से निकाल दिया गया.
जंगल में अनधिकृत रूप से बसना गैर कानूनी
वन क्षेत्र पदाधिकारी विजय कुमार ने कहा कि जंगल में अनधिकृत रूप से बसना गैर कानूनी है. 55 लोग 8 अप्रैल को जंगल में घुसे थे. जंगल काटकर वहां बसने और खेती करने की मंशा से घुसपैठ की गयी थी. इसकी सूचना विभाग को मिलने पर 10 अप्रैल को रेंज अधिकारी विजय कुमार अपने 4 वनरक्षियों के साथ मौके पर जाकर लोगों को लीगल प्रोसेस की बात को समझाते हुए जंगल से निकल जाने को कहा था, लेकिन ये लोग नहीं मानें. इसके बाद गुरुवार को वन विभाग, पुलिस व सीआरपीएफ की टीम ने जंगल में घुसकर सभी को बाहर निकाला. वन क्षेत्र पदाधिकारी विजय कुमार ने सभी 55 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज करने की बात कही.
होगा केस दर्ज
मनोहरपुर के कोयना वन प्रक्षेत्र के रेंजर विजय कुमार ने कहा कि सारंडा जंगल के अंकुआ कंपार्टमेंट संख्या 48 में 8 अप्रैल को विभिन्न इलाकों के 55 लोगों ने घुसपैठ किया था, जिन्हें वहां से हिदायत देकर निकाल दिया गया है. मामले में सभी लोगों के विरुद्ध केस दर्ज किया जायेगा. प्रशासन की टीम में विजय कुमार, जराइकेला थाना प्रभारी आशीष कुमार भारद्वाज, एसआइ ब्रजेश कुमार व रविंद्र पांडेय समेत सीआरपीएफ के जवान शामिल थे.
Posted By : Guru Swarup Mishra