लापरवाही व गलत इलाज के मामले में उपभोक्ता न्यायालय के चेयरमैन सुनील कुमार ने आरोपी चिकित्सक (जमशेदपुर के) एम आलम को साक्ष्य के आधार पर दोषी पाया. डॉ आलम को चार लाख 50 हजार रुपये मुआवजा भुगतान का निर्देश दिया. एकमुश्त राशि 60 दिनों के अंदर जमा करनी होगी. उक्त फैसला सुनाने में जिला उपभोक्ता आयोग के सदस्य राजीव कुमार का अहम योगदान रहा.
सीतारामडेरा निवासी ने दर्ज कराया था मामला
इस संबंध में सीतारामडेरा (जमशेदपुर) के भुइयांडीह निवासी अनूप कुमार सान्याल ने वर्ष 2003 में जमशेदपुर के उपभोक्ता न्यायालय में अपील की थी. वहां से मामले को चाईबासा जिला उपभोक्ता न्यायालय में ट्रांसफर हुआ था. दरअसल, अनूप कुमार सान्याल 25 फरवरी, 2003 को सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे. डॉ आलम के नर्सिंग होम में गलत इलाज के कारण 7 मार्च, 2003 को अनूप का पैर काटना पड़ा था.
डॉक्टर की लापरवाही से दिव्यांग हो गया था मरीज
दर्ज मामले में बताया गया कि डॉक्टर आलम की लापरवाही से वह दिव्यांग हो गया. इसके बाद कई बार अनूप कुमार सान्याल ने डॉक्टर आलम से मुआवजा की मांग की. इसके बाद अनूप कुमार सान्याल ने डॉक्टर एम आलम के खिलाफ लापरवाही और गलत तरीके से इलाज करने का मामला दर्ज कराया.
फैसले के खिलाफ राज्य कमीशन के पास गया था डॉक्टर
वर्ष 2008 में चाईबासा जिला उपभोक्ता आयोग ने डॉ आलम को दो लाख रुपये मुआवजा देने का फैसला सुनाया था. डॉ आलम ने फैसले के खिलाफ राज्य कमीशन के पास वर्ष 2011 में मामला दर्ज कराया. यहां पर टीएमएच के एक और रिम्स के एक डॉक्टर से रिपोर्ट मंगा कर फैसला करने का निर्देश दिया. रिपोर्ट में लापरवाही का साक्ष्य मिला था.
Also Read: पश्चिमी सिंहभूम : सरना धर्मकोड के लिए सेंगेल का भारत बंद कल