Bihar News: नरकटियागंज रेल ओवरब्रिज के पास सोमवार को अनियंत्रित टैंकर ने तीन चचेरे भाइयों को रौंद डाला. इससे बाइक सवार तीनों की मौके पर ही मौत हो गई. टैंकर चालक व खलासी घटना के बाद मौके का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे. मृतकों की पहचान गौनाहा थाना के मुरलीभरहवा गांव निवासी द्वारिका राउत के पुत्र बृजेश पटेल (18), महंत राउत के पुत्र सन्नी देवोल पटेल (18) व मनोज पटेल के पुत्र पटेल कुमार (19) के रूप में हुई है.
सूचना पर पहुंची शिकारपुर पुलिस ने तीनों युवकों के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बेतिया भेज दिया है. एसडीपीओ कुंदन कुमार ने बताया कि घटना के बाद से फरार टैंकर चालक की धरपकड़ के लिए छापेमारी की जा रही है. शीघ्र ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. घटना के संबंध में बताया जाता है कि तीनों युवक बस पकड़ने के लिए मोटरसाइकिल से नरकटियागंज आ रहे थे.
रेल ओवरब्रिज के पश्चिम दिशा में रेलवे सरकारी अस्पताल के समीप एक बस मोड़ ले रहा था. तीनों युवक एक पार्सल वाहन के पीछे खड़े थे. इसी बीच तेज गति से से आ रही टैंकर ने तीनों युवकों की बाइक में पीछे से ठोकर मार दी. ठोकर इतनी जबरदस्त थी कि तीनों युवक टैंकर व पार्सल वाहन के बीच में फंस कर कुचल गए.
इससे घटना स्थल पर ही तीनों की मौत हो गई. पुलिस ने तीनों युवकों के शव व बाइक को टैंकर के नीचे से बाहर निकाला और टैंकर व पार्सल वाहन को जब्त कर लिया है. एसडीपीओ ने बताया कि घटना के हर पहलू की जांच पड़ताल की जा रही है. पोस्टमार्टम के बाद युवकों के शव को परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा.
घटना के बाद से लोगों में भारी आक्रोश देखा गया. हालांकि पुलिस ने अपनी सूझबूझ से लोगों को शांत कराते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. आसपास के लोगों का कहना था कि उक्त स्थल पर आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं, लेकिन पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित राजकुमार शुक्ला के पैतृक गांव मुरलीभरहवा में आज चीख पुकार मची है. तीन चचेरे भाइयों की मौत पर कोहराम मचा हुआ है. करीब दो घंटे पहले तक तो सबकुछ ठीक था. सनी देओल व पटेल कुमार कमाने के लिए जम्मू जाने की तैयारी में थे. टिकट ले रखा था. परिवार ने हंसी खुशी विदा किया. भाई बृजेश के साथ बाइक पर बैठकर दोनों नरकटियागंज के लिए निकले. कहा कि जम्मू पहुंचते ही फोन कर खबर कर देंगे, लेकिन मंजिल पर पहुंचने से पहले ही तीनों के मौत की खबर पहुंच गई.
Posted By: Utpal kant