बगहा में डुमरिया गांव के समीप तिरहुत नहर में मगरमच्छ ने मंगलवार की देर शाम तिरहुत नहर में एक बुजुर्ग व्यक्ति को मगरमच्छ के निगलने की चर्चा है. घटना के बाद गांव में हड़कंप मच गया है. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की गयी है. सूचना मिलने के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और लोगों से पूछताछ कर लौट गयी. घटना के बाद से बुजुर्ग का कहीं पता नहीं चल रहा है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
बताया जाता है कि देर शाम गांव के 65 वर्षीय नाथूराम पिता स्वर्गीय जगदेव राम नहर में घुसकर नहर के किनारे हाथ-पैर धो रहे थे .उसी दौरान मगरमच्छ ने उन पर हमला कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि मगरमच्छ ने बुजुर्ग को निगल लिया है. उनका यह भी कहना है कि गांव के समीप नहर में कई दिनों से एक विशाल मगरमच्छ को विचरण करते देखा गया है. आशंका है कि नहर के किनारे जाने के बाद मगरमच्छ ने नाथूराम को अपनी चपेट में ले लिया.
गांव के लोगों ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है मगरमच्छ ने ही शिकार कर लिया है. सिगाडी पिपरिया पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि दीपक कुमार पांडेय ने आशंका जाहिर की है कि उक्त व्यक्ति को मगरमच्छ ने निगल लिया है. क्योंकि उसका कोई सुराग नहीं मिल रहा है. मगरमच्छ पिछले एक माह से डेरा जमाये हुए है.
बगहा थानाध्यक्ष आनंद कुमार सिन्हा ने बताया कि लोगों से सूचना मिली है कि डुमरिया गांव के समीप तिरहुत नहर में एक व्यक्ति को मगरमच्छ ने निगल लिया है. हालांकि, इस बात को लेकर पूरी तरह से विश्वास नहीं हो रहा है. परंतु नहर के किनारे विशाल मगरमच्छ को देखकर लोगों को विश्वास हो रहा है कि उस व्यक्ति को मगरमच्छ ने निगल लिया है. लोगों का कहना है कि नहर में महीनों से मगरमच्छ को देखा जा रहा है. घटना के बाद डुमरिया गांव के लोगों का तिरहुत नहर में उतरना मुश्किल हो गया है.
इससे पहले पश्चिमी चंपारण के हरनाटांड़ में रविवार की रात को एनएच 727 बगहा-रामपुर चेक पोस्ट सड़क पर मंगलपुर स्थित एसएसबी 21वीं कैंप के पास अचानक एक मगरमच्छ सड़क पर आ गया. जिसे देखकर वाहन चालकों में दहशत फैल गयी. इस दौरान सभी वाहन रुक गयी और लोग फोटो तथा वीडियो बनाने लगे. हालांकि बाद में भीड़ व लाइट देखकर मगरमच्छ सड़क से करीब 250 मीटर दूर स्थित गंडक नदी में चला गया. तब जाकर वाहन का परिचालन शुरू हुआ.
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बगहा वन प्रक्षेत्र अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि विगत दिनों पहाड़ी इलाकों में बारिश होने के कारण गंडक नदी में बाढ़ आई थी. जिससे जंगल क्षेत्र के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है. इसके कारण जलीय जीव जंतु इधर उधर देखे जा रहे है. मगरमच्छ व सांप बरसात के दिनों में रिहायशी व गांव से अधिक रेस्क्यू किये जा रहे हैं. एनएच 727 सड़क से गंडक नदी काफी नजदीक है. इसके कारण अधिकांश मगरमच्छ गंडक नदी से निकलकर इस रिहायशी क्षेत्र में चले जाते हैं. जैसे ही इसकी सूचना मिलती है तो वन कर्मियों की टीम स्थल पर पहुंचकर रेस्क्यू करती है.