वाल्मीकिनगर. लगभग 900 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र में फैले वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र के वनों में निवास करने वाले शाकाहारी और मांसाहारी जीव जंतुओं समेत विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधों, पशु पक्षियों की सुरक्षा बरसात के दिनों में वन पथ के खराब हो जाने की स्थिति में वन क्षेत्र में गश्त में प्रयुक्त वाहनों के परिचालन में हो रही कठिनाईयों को हाथियों ने आसान बनाते हुए पेट्रोलिंग की जिम्मेवारी लिया है.
बताते चलें कि बेंगलुरु से चार हाथीयों को वनों तथा वन क्षेत्र में वास करने वाले विभिन्न प्रकार के जीव जंतु समेत जंगल की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए पेट्रोलिंग की दृष्टिकोण से वन प्रशासन की पहल पर मंगाया गया था. ताकि वन क्षेत्र के दूर्गम इलाकों में नियमित रूप से गश्त बाधित न हो सके.
हाथीयों की मदद से घने वन क्षेत्र में भी नियमित पेट्रोलिंग गश्ती की जा रही है. इस बाबत वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र मे तैनात रेंजर महेश प्रसाद ने बताया कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व प्रशासन वन्यजीवों की सुरक्षा के साथ-साथ वन संपदा की सुरक्षा अपनी पहली प्राथमिकता मानता है. हाथी अब इस माहौल में पूरी तरह ढल चुके हैं.
इन चार हाथीयों में सभी नर प्रजाति के हैं. नटखट होने के कारण यह आपस में अठखेलियां भी स्नान के क्रम में करते हैं. हाथीयों की सहायता से संवेदनशील वन क्षेत्रों में नियमित गश्ती की जा रही है. कहीं भी किसी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि देखने के बाद इनके महावत के द्वारा पेट्रोलिंग गश्ती गाड़ी समेत वन क्षेत्र कार्यालय को सूचना दी जाती है और तत्काल वन कर्मियों की टीम स्थिति पर अपना नियंत्रण प्राप्त कर लेती है.
चुलभट्ठा वन क्षेत्र से सटे गंडक नदी के उस पार नेपाली वन तस्करों का समूह बार बार वन संपदा का नुकसान करने का असफल प्रयास करते हैं. जिससे वन क्षेत्र में तैनात वन कर्मियों और सीमा पर तैनात एसएसबी के द्वारा नाकाम कर दिया जाता है. इस बिंदु को ध्यान में रखते हुए चुलभट्ठा समेत गंडक नदी के तटवर्ती वन क्षेत्रों में हाथीयों की मदद से पेट्रोलिंग तेज कर दी गयी है.
Posted by Ashish Jha