बगहा पुलिस जिला के पिपरासी व चिउटाहा थाना क्षेत्र में कहीं तेंदुआ तो कहीं बाघ की चहलकदमी से लोगों में भय का माहौल है. चिउटाहा रेंज के जिमरी गांव के सरेह में बाघ की चहलकदमी से लोगों में अफरा तफरी का माहौल रहा. वहीं गंडक दियारा के पिपरासी इलाके में तेंदुए के बथान में घुसने के बाद रात भर लोग रतजग्गा कर बचाव करते नजर आये.
सिसकारी व नैनहा सरेह में बथान बना कर रह रहे किसानों में उस समय अफरा तफरी मच गई जब हीरालाल केवट व सुभाष केवट के बथान में तेंदुआ घुस गया. तेंदुए ने एक बकरी को पकड़ लिया. बकरी के चिल्लाने की आवाज सुन जब किसान ने बथान में देखा, तो तेंदुए को बाघ समझ कर चिल्लाने और भागने लगा.
किसान के चिल्लाने की आवाज सुन पास के सुभाष केवट व अन्य किसान हल्ला करने लगे. लोगों की आवाज सुन कर तेंदुआ बकरी को छोड़ सरेह में भाग गया. तेंदुआ के जाने के बाद जब किसान बथान में गये, तो एक बकरी बुरी तरह घायल हो गयी थी. किसानों ने उसी रात को वन विभाग को इसकी सूचना दी.
किसानों की सूचना पर टाइगर टेकर मौके पर पहुंचे. घंटों आसपास के सरेह में सर्च अभियान चलाया. टाइगर टेकर ने मौके पर मिले पगमार्क को देख कर बताया कि यह बाघ नहीं था. पग मार्क तेंदुए का है. वहीं रात भर किसान खौफजदा रहे. किसानों ने बताया कि इस वर्ष बारिश नहीं होने के कारण वीटीआर से जंगली जानवर आसानी से रिहायशी क्षेत्रों में आ जाते हैं.
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बीते दिनों बलुआ, मदरहवा दियारा क्षेत्र में अपने दो शावकों के साथ एक बाघिन की चहलकदमी से किसान डरे हुए थे. अब इस तेंदुआ के आने के कारण किसान खेतों की तरफ जाने से डर रहे हैं. मंझरिया पंचायत के सरपंच अनिरुद्ध साहनी ने बताया कि किसानों से अपील की गयी है कि जब भी दियारा की तरफ जाएं, तो समूह में ही जाएं.
मदनपुर वन क्षेत्र के प्रभारी रेंजर रवि कुमार ने बताया कि वन कर्मियों को भेजा गया था. पग मार्क से तेंदुआ की पहचान हुई. किसानों से अपील की गयी है कि उसके साथ छेड़छाड़ नहीं करें. जब दिखाई दे, तो उसकी सूचना दें.