पश्चिम चंपारण के बगहा अंतर्गत गोबर्धना थाना क्षेत्र के सेवरही बरवा गांव में बाघ के हमले को लेकर स्थानीय ग्रामीण भयभीत है. घास काटने गये बंका मांझी की मौत ने लोगों को अंदर तक डरा दिया है. घटना का खौफ कायम रहा. चिउंटहा वन विभाग से पहुंचे वन्यकर्मियों ने घटना के बाद से अभी तक इस गांव में ही कैंप कर लिया है. बीती शाम से लगातार घटना के स्थान के समीप ट्रैकिंग जारी है. शनिवार को डीएफओ नीरज नारायण के साथ वन पदाधिकारियों ने भी इस गांव का जायजा लिया.
पोस्टमार्टम के बाद अगली सुबह मृतक के परिजनों को उसका शव सौंप दिया गया. आसपास के कई गांवों के लोगों ने घटना की रात जागकर गुजारी. गांव में कई जगह अलाव भी जलता रहा. इस संबंध में रामनगर प्रखंड के गुदगुदी पंचायत के मुखिया नसीम अख्तर ने बताया कि बाघ को गांव से भगाने का बीती शाम से सभी कोशिश चल रही है. बावजूद पदाधिकारियों के अनुसार बाघ अभी भी गांव और जंगल के बीच में है.
हमले में मारे गये बंका मांझी पिता सुरेश मांझी का शव पोस्टमार्टम कराकर शनिवार की सुबह परिजनों को दे दिया गया. उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया. इस बाबत चिउंटहा वन क्षेत्र के रेंजर सुरेंद्र सिंह ने बताया कि बाघ को जंगल भेजने की सभी कोशिश जारी है. उसकी डीएफओ के नेतृत्व में मॉनीटरिंग हो रही है.
बता दें कि शुक्रवार को वीटीआर जंगल से बाहर आकर एक बाघ ने सेवरही बरवा गांव के एक 28 साल के तीन-तीन छोटी बच्चियों के पिता पर हमला कर मार दिया. इसके पहले भी घटना वाली जगह के समीप डेरा जमाएं बाघ ने एक बकरी का शिकार किया था.
Posted By: Thakur Shaktilochan