वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र के रोहुआ टोला गांव के समीप पटिरहिया जंगल से सटे नाले के पास से वन विभाग की टीम को एक मादा तेंदुए का शव बरामद हुआ है. शुक्रवार की सुबह तेंदुए के शव की सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी. बताया जा रहा है की तेंदुए की मौत करीब दो तीन दिन पहले हुई है. सूचना के बाद वन विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और फिर शव का पोस्टमार्टम कराया गया.
चिकित्सक मनोज कुमार टोनी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही तेंदुए की मौत का कारणों का पता चले पाएगा. तेंदुए के अन्य अंगों के सैंपल को जांच के लिए पटना व बरेली भेजा जा रहा है. आशंका जताई जा रही है कि तेंदुए की मौत भूख-प्यास की वजह से हुई होगी.
घटना की सूचना मिलने पर डीएफओ अमरीश मल्ल, एसीएफ अमिता राज, वाल्मीकिनगर रेंजर महेश प्रसाद भी मौके पहुंचे. पोस्टमार्टम के बाद तेंदुआ के शव को जला दिया गया. इस वर्ष यह दूसरी मौत हुई है. इसके पूर्व एक जनवरी 2022 को रामनगर में एक तेंदुआ का शव मिला था. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पिछले वर्ष 98 तेंदुआ थे.
अकसर रिहायशी इलाकों में जंगली जानवर लोगों पर हमला तो करते ही हैं उनके मवेशियों को भी अपना निवाला बना लेते हैं. इधर गर्मी बढ़ने के साथ ही जंगली जीव पानी की तलाश में आसपास के नदी नालों का रुख कर रहे हैं और भटकते हुए रिहायशी इलाकों में भी पहुंच जा रहे हैं. इसी बीच तेंदुआ का शव मिलने से कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
बेहतर माहौल होने के कारण यहां तेंदुओं की संख्या में इजाफा भी हुआ है, लेकिन तेंदुआ की मौत ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है. जंगल की सुरक्षा करने वाले बीट गार्ड ड्यूटी के नाम पर खाना पूर्ति कर रहे हैं. जिसका नतीजा तेंदुआ की मौत के रूप में सामने आया है. वन विभाग के कर्मचारियों के लापरवाही का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है की तेंदुए की मौत की खबर भी उन्हें ग्रामीणों से प्राप्त हुई.