Jharkhand Naxal News: झारखंड के चतरा जिला में एरिया कमांडर ने सरेंडर कर दिया है. कमलेश यादव भाकपा माओवादी का एरिया कमांडर था. उसने बुधवार (30 नवंबर) को पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. चतरा समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में उपायुक्त अबु इमरान, एसपी राकेश रंजन व सीआरपीएफ 190 बटालियन के कमांडेंट मनोज कुमार की उपस्थिति में कमलेश यादव ने आज हथियार डाल दिये.
कमलेश यादव प्रतापपुर थाना के चरका कला गांव का रहने वाला है. चतरा, पलामू व लातेहार में आतंक के पर्याय भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमेटी के सदस्य गौतम पासवान, जोनल कमांडर मनोहर गंझू व अरविंद भुईयां के दस्ता का सदस्य था. वह कई नक्सलियों घटनाओं में शामिल था. डीसी व एसपी ने पुनर्वास नीति ‘नयी दिशा’ के तहत उसे एक लाख रुपये का चेक सौंपा.
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कमलेश यादव एक माह पूर्व पुलिस और माओवादियों के बीच प्रतापपुर में हुई मुठभेड़ में शामिल था. वह वर्ष 2014 में भूमि विवाद के बाद माओवादी संगठन में शामिल हो गया था. माना जा रहा है कि पुलिस के द्वारा लगातार माओवादियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के बाद डर से कमलेश ने आत्मसमर्पण किया है.
एसपी राकेश रंजन ने समाज से भटके हुए लोगों को मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की. साथ ही कहा कि अगर वे सरेंडर कर देते हैं, तो सरकार उन्हें इज्जत के साथ जीने का मौका देती है. इसलिए उन्हें सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाना चाहिए और अपने परिवार के साथ बेखौफ इज्जतदार शहरी की तरह जीवन बितना चाहिए.
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कमलेश के खिलाफ मनातू थाना में तीन, कुंदा में दो व प्रतापपुर थाना में तीन मामला दर्ज हैं. वह सितंबर 2014 में भाकपा माओवादी संगठन में शामिल हुआ था. वर्ष 2017 में प्रतापपुर के कोवरिया गांव केवल टोला के मुन्ना गंझू, मुरारी शर्मा की पुलिस मुखबिरी के आरोप में गोली मारकर कमलेश ने हत्या कर दी थी. पुलिस पार्टी से हथियार लूटने के लिए मनातू थाना के रंगिया मसुरिया गांव के चिनिया पहाड़ी के पास 20-20 किलो के दो सिलेंडर बम, 10-10 किलो के दो व पांच-पांच किलो के दो सिलेंडर जमीन में गाड़कर लगाया था. सितंबर 2022 में प्रतापपुर थाना क्षेत्र के बधार में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में भी वह शामिल था. इस मुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया था.
उपायुक्त अबु इमरान ने कहा कि कमलेश दिग्भ्रमित होकर काफी समय से भाकपा माओवादी संगठन में सक्रिय थे. अच्छी बात यह है कि वह परिवार, जिला, राज्य व देश के भविष्य को संवारने के लिए वापस आ गये हैं. उन्होंने समाज से भटके लोगों से मुख्यधारा में लौटने की अपील की है. उन्होंने जिला पुलिस व सीआरपीएफ की सराहना की.
भाकपा माओवादी के एरिया कमांडर कमलेश यादव ने सरेंडर करने के बाद कहा कि भूमि विवाद की वजह से सितंबर 2014 में वह नक्सली बन गया था. आज तक भूमि विवाद नहीं सुलझा. भटककर वह भाकपा माओवादी संगठन में शामिल हो गया. इससे पहले हरियाणा के सिरसा में दैनिक मजदूरी करता था. संगठन के लोगों ने कहा था कि वे भूमि विवाद समाप्त करवा देंगे, लेकिन आज तक समस्या का समाधान नहीं हुआ. काफी दिनों तक जंगलों में भटका. कहा कि मेरे जैसे सभी लोगों को सरेंडर करके सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाना चाहिए.
चतरा से दीनबंधु/तसलीम की रिपोर्ट