Mini Lockdown In Jharkhand, चतरा न्यूज (विजय शर्मा) : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने सभी की आमदनी पर ब्रेक लगा दिया है. चुड़ीहारों की चूड़ी की खनक फीकी पड़ गयी है. लॉकडाउन में दुकानें बंद रहने के कारण बिक्री नहीं हुयी. उनकी पूंजी फंस गयी. लग्न का मौसम भी समाप्त हो गया है. खरीदार भी नहीं आ रहे. पिछले साल भी उन्हें घर में बैठकर समय बिताना पड़ा था. इससे गुजर-बसर करना मुश्किल हो गया है. झारखंड के चतरा जिले के इटखोरी में चूड़ी बेचने वालों का यही दर्द है.
इटखोरी बाजार में फुटपाथ पर बैठकर चूड़ी बेचकर अपने परिवार का गुजारा करने वाली रेहाना खातून ने कहा कि कोरोना की मार पिछले दो साल से झेल रही हूं. हर शादी विवाह के समय कोरोना महामारी के प्रकोप से जूझना पड़ रहा है. कोरोना के कारण चूड़ी का व्यापार पूरी तरह प्रभावित हुआ है. बाजार बंद होने से हमलोगों की चूड़ी की बिक्री नहीं हुई. पहले रोजाना हजार पंद्रह सौ रुपये की चूड़ी बेचते थे, लेकिन अभी तो दो तीन सौ रुपये की बिक्री होती है. दो बजे तक धूप में बैठकर ग्राहक का इंतजार करते रहते हैं.
Also Read: Unlock 2.0 In Jharkhand : झारखंड में थम रही कोरोना संक्रमण की रफ्तार, अब Unlock 2.0 की तैयारी में हेमंत सोरेन सरकार, पाबंदियों में मिलेंगी रियायतेंशहनाज बानो ने कहा कि मैं भी फुटपाथ पर बैठकर ग्राहकों का इंतजार करती रहती हूं. पूरे लग्न तक घर से बाहर निकलने पर रोक था. अब थोड़ा बाहर निकलने का मौका मिला है तो ग्राहक नहीं हैं. प्रतिदिन दो सौ रुपये की चूड़ी बेच पाती हूं. दिन में दस बजे बाजार आती हूं. उसके बाद दोपहर दो बजे घर चली जाती हूं. शादी विवाह के सीजन में कुछ कमाने का उम्मीद थी, लेकिन कोरोना ने पानी फेर दिया. चुड़ीहारों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है.
Also Read: BPSC 64th Exam Result : बैंक की नौकरी से नहीं थे संतुष्ट, साहिबगंज के विशाल ने बीपीएससी की परीक्षा में ऐसे हासिल किया चौथा स्थानसमुद चूड़ी दुकान की संचालिका गुड़िया परवीन ने कहा कि कोरोना ने कमाई पर पानी फेर दिया. लगभग पंद्रह हजार रुपये का नुकसान हुआ है. दुकान बंद थी. घर में बैठकर समय बिताती रही. महाजन का पूंजी निकालना मुश्किल हो गया है. पूरा लग्न तक दुकान बंद थी. सरकार की गाइडलाइन का अनुपालन व कोरोना से बचाव भी जरूरी था, दूसरी ओर आमदनी चौपट हो गयी. चूड़ी के कारोबार पर पूरा परिवार आश्रित है.
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