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CWG 2022: मुरली श्रीशंकर ने लंबी कूद में रचा इतिहास, भारत के लिए जीता सिल्वर मेडल

श्रीशंकर राष्ट्रमंडल खेलों की पुरुष लंबी कूद स्पर्धा में पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं. स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार श्रीशंकर ने अपने पांचवें प्रयास में 8.08 मीटर की दूरी के साथ रजत पदक अपने नाम किया.

भारत के मुरली श्रीशंकर (Sreeshankar Murali ) ने गुरुवार को राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games) की एथलेटिक्स प्रतियोगिता की पुरुष लंबी कूद स्पर्धा में रजत पदक जीतकर इतिहास रचा लेकिन मोहम्मद अनीस याहिया पांचवें स्थान पर रहे.

श्रीशंकर लंबी कूद स्पर्धा में पदक जीतने वाले पहले भारतीय

श्रीशंकर राष्ट्रमंडल खेलों की पुरुष लंबी कूद स्पर्धा में पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं. स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार श्रीशंकर ने अपने पांचवें प्रयास में 8.08 मीटर की दूरी के साथ रजत पदक अपने नाम किया. स्वर्ण पदक जीतने वाले बहामास के लेकुआन नेर्न ने भी अपनी दूसरी कोशिश में 8.08 मीटर का ही सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया. लेकुआन का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रयास हालांकि 7.98 मीटर का रहा जो श्रीशंकर के 7.84 मीटर के दूसरे सर्वश्रेष्ठ प्रयास से बेहतर रहा जिसके कारण उन्हें विजेता घोषित किया गया. साथ ही लेकुआन ने अपने दूसरे प्रयास में यह दूरी हासिल की और उन्हें हवा से कम सहायता मिली.

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मुरली श्रीशंकर को खेल मंत्री ने दी बधाई

पुरुष लंबी कूद स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाले मुरली श्रीशंकर को केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बधाई दी. अनुराग ठाकुर ने ट्वीट किया और लिखा, कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर पदक जीतने पर एम श्रीशंकर को बधाई. लंबी कूद में 4 दशकों के बाद पदक जीता, यह वास्तव में भारत में खेलों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. इस पदक के साथ आपने एथलेटिक्स की दुनिया में भारत की निरंतर वृद्धि को मजबूत किया है. मैं आपसे कई और जीत की उम्मीद करता हूं.

दक्षिण अफ्रीका के योवान वान वुरेन ने कांस्य पदक जीता

श्रीशंकर के प्रयास के समय हवा की गति प्लस 1.5 मीटर प्रति सेकेंड जबकि नेर्न के प्रयास के समय माइनस 0.1 मीटर प्रति सेकेंड थी. दक्षिण अफ्रीका के योवान वान वुरेन ने 8.06 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया. श्रीशंकर और याहिया दोनों क्रमश: 8.36 मीटर और 8.15 मीटर के अपने निजी और सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से काफी पीछे रहे. अगर ये दोनों अपने निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी करते तो भारत को स्वर्ण और रजत पदक मिल सकते थे.

श्रीशंकर क्वालीफाइंग दौर में रचा था इतिहास

श्रीशंकर क्वालीफाइंग दौर में एकमात्र खिलाड़ी थे जिन्होंने 8.05 मीटर के साथ आठ मीटर का स्वत: क्वालीफाइंग स्तर हासिल किया था. श्रीशंकर और याहिया छह प्रयास के फाइनल में तीन प्रयास के बाद क्रमश: छठे और आठवें स्थान पर चल रहे थे. बारह खिलाड़ियों के फाइनल में तीन प्रयास के बाद शीर्ष आठ खिलाड़ियों को ही अगले तीन प्रयास करने की स्वीकृति होती है.

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