कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 (Commonwealth Games) में भारतीय रेसलर साक्षी मलिक ने गोल्ड मेडल जीता. उन्होंने महिला फ्रीस्टाइल 62 किग्रा वर्ग में कनाडा की एन्ना गोडिनेज गोंजालेज को हराकर गोल्ड हासिल किया. साक्षी मलिक ने महिला 62 किग्रा वर्ग के फाइनल में कनाडा की एना गोडिनेज गोंजालेज को बाय फॉल के जरिए 4-4 से मात दी. कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के 8वां दिन भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन गोल्ड समेत 6 मेडल हासिल किए. इसके बाद भारत की पदकों की संख्या अब 26 पहुंच गई है. जिसमें 9 गोल्ड, आठ सिल्वर और नौ ब्रॉन्ज शामिल हैं.
एक ही दांव में जीता गोल्ड
मैच के पहले राउंड में साक्षी के खिलाफ एना गोंजालेज ने दो बार टेक डाउन किए और दो-दो प्वाइंट हासिल कर 4-0 की बढ़त बना ली. ऐसे में लग रहा था कि साक्षी यह मुकाबला गंवा बैंठेगी. लेकिन, साक्षी ने दूसरे हाफ की शुरुआत में ही टेकडाउन से दो अंक लिए और फिर बेहतरीन दांव लगाते हुए कनाडाई खिलाड़ी को पिन कर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया.
Also Read: CWG 2022: कुश्ती में बजरंग पूनिया ने जीता गोल्ड, फाइनल में कनाडा के पहलवान को हरा रचा इतिहास
जीत के बाद भावुक हुई साक्षी
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड जीतने के बाद साक्षी मलिक भावुक हो गई और मेडल सेरमनी के दौरान उनकी आंखें नम थीं. यह साक्षी मलिक का राष्ट्रमंडल खेलों में पहला गोल्ड मेडल है. इससे पहले वह राष्ट्रमंडल खेलों में सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं. साक्षी ने क्वार्टर फाइनल में इंग्लैंड की केल्सी बार्न्स और सेमीफाइनल में कैमरून की एटेन नोगोले को 10-0 से शिकस्त देकर फाइनल में जगह बनाई थी.
साक्षी को विरासत में मिली थी कुश्ती
साक्षी मलिक के दादा बदलू राम जाने माने पहलवान थे और उन्हीं से साक्षी को कुश्ती विरासत में मिली थी. महज 12 साल की उम्र में ही साक्षी पहलवानी सीखने के लिए अखाड़े में जाने लगी थीं. साक्षी मलिक ने 17 साल की उम्र में एशियन जूनियर चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया था. इसके बाद साल 2009 में एशियन जूनियर चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर साक्षी ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय पदक हासिल किया. फिर साल 2010 में विश्व जूनियर चैंपियनशिप में भी साक्षी ने कमाल दिखाते हुए ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया. बाद में साक्षी ने 2012 में एशियन जूनियर चैंपियनशिप का गोल्ड मेडल भी अपने नाम किया था. साक्षी ने रियो ओलंपिक 2016 में भी ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा था. साक्षी ओलंपिक में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर हैं.