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CWG 2022: कौन हैं Rupa Rani Tirkey और लवली चौबे? झारखंड और धोनी से है खास नाता, कॉमनवेल्थ में रचा इतिहास

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में आज का दिन झारखंड के लिए बेहद खास है. ऐसा इसलिए क्योंकि झारखंड की दो खिलाड़ी लॉनबॉल में देश को एक और स्वर्ण पदक दिलाने में कामयाब हो गयी हैं. लॉन बॉल टीम ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर गोल्ड जीता. इस टीम में झारखंड की रूपा रानी तिर्की और लवली चौबे शामिल हैं.

भारतीय महिला लॉन बॉल्स टीम ने सोमवार को महिला फोर्स (चार खिलाड़ियों की टीम) स्पर्धा के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को 16-13 से हराकर राष्ट्रमंडल खेलों में अपना ऐतिहासिक पहला पदक पक्का किया. भारतीय टीम पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में महिला फोर्स प्रारूप के न केवल फाइनल में पहुंची, बल्कि दक्षिण अफ्रीका को हराकर गोल्ड अपने नाम किया. टीम में लवली चौबे (लीड), पिंकी (सेकेंड), नयनमोनी सेकिया (थर्ड) और रूपा रानी तिर्की ( Rupa Rani Tirkey) शामिल हैं. जिसमें दो खिलाड़ी लवली चौबे और रूपा रानी तिर्की का झारखंड और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ खास नाता है.

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में आज का दिन झारखंड के लिए बेहद खास

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में आज का दिन झारखंड के लिए बेहद खास है. ऐसा इसलिए क्योंकि झारखंड की दो खिलाड़ी लॉन बॉल में देश को एक और स्वर्ण पदक दिलाने में कामयाब हो गयी हैं. भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका को हाराकर गोल्ड जीता है. इस टीम में झारखंड की रूपा रानी तिर्की और लवली चौबे भी शामिल हैं. पहली बार फाइनल में पहुंचने के बाद दोनों सोशल मीडिया में काफी ट्रेंड कर रही हैं.

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झारखंड पुलिस में कांस्टेबल हैं लवली चौबे, खेल विभाग में हैं रूपा

भारतीय लॉनबॉल टीम में शामिल 38 वर्ष की लवली चौबे झारखंड पुलिस में कांस्टेबल हैं, जबकि रूपा रानी तिर्की रांची से ही हैं और खेल विभाग में कार्यरत हैं.

लवली की ख्वाहिश देश में नाम कमाना

महेंद्र सिंह धोनी ने रांची को दुनिया भर में पहचान दिलाई लेकिन उसी शहर की लवली की ख्वाहिश बस देश में नाम कमाने की है. लवली राष्ट्रमंडल खेलों में लॉनबॉल में भारत को पहला पदक दिलाने वाली टीम की सदस्य है. महिला फोर्स सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को हराने के बाद लवली चौबे, रूपा रानी तिर्की, पिंकी और नयनमोनी सैकिया को यकीन ही नहीं हुआ कि उन्होंने इतिहास रच दिया है. पिंकी दिल्ली में डीपीएस आर के पुरम में खेल शिक्षक है जबकि नयनमोनी असम में एक किसान परिवार से है और राज्य के वन विभाग में कार्यरत है. तीसरी बार राष्ट्रमंडल खेलों में भाग ले रही लवली ने कहा , हमारे लिये यह ओलंपिक जितना बड़ा है क्योंकि लॉन बॉल ओलंपिक का हिस्सा नहीं है. हम चार साल पहले एक अंक से पदक से चूक गए थे लेकिन इस बार हम पूरी तैयारी से आये थे. उम्मीद है कि इस उपलब्धि से हमें पहचान मिलेगी.

फर्राटा धाविका थी लवली, चोट के कारण लॉनबॉल में बनाया करियर

लवली सौ मीटर की फर्राटा धाविका थी जबकि नयनमोनी भारोत्तोलक थी. दोनों को चोट के कारण लॉनबॉल में आना पड़ा. लवली ने कहा कि लॉन बॉल के लिये हरा मैदान और गेंद चाहिये लेकिन गेंद भारत में नहीं बनती बल्कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से आयात होती है. उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके पदक के बाद हालात बदलेंगे.

धोनी से मिल चुकी हैं लवली

रांची में अभ्यास के दौरान धोनी भी कभी कभार मैदान पर आते हैं और लवली का कहना है कि उन्हें लॉनबॉल के बारे में काफी जानकारी है. उन्होंने कहा , धोनी सर रांची में हमारे कोच को जानते हैं और दो बार मैदान पर भी आये हैं. जब वह देवरी माता के मंदिर जाते हैं तो हमारे मैदान पर भी आते हैं. उन्होंने कहा था कि जब वह ऑस्ट्रेलिया जाते हैं तो लॉन बॉल खेलते हैं.

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