विश्व कप 2023 का 45वां और आखिरी लीग मुकाबला भारत बनाम नीदरलैंड के बीच खेला गया. भारत ने मुकाबले को 160 रन से जीत लिया. इस मैच के समाप्त होने के साथ ही नीदरलैंड का अभियान भी इस विश्व कप से समाप्त हो गई. मैच के दौरान नीदरलैंड की टीम ने शानदार प्रदर्शन किया. वहीं दूसरी तरफ अच्छी लय में चल रही भारतीय टीम ने कमाल कर दिया. भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने सलामी बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक जड़ा. दूसरी पारी में गेंदबाजी के दौरान खुद गेंदबाजी करने का गए. विराट ने खेले गए मुकाबले में एक नया इतिहास भी रच दिया. उन्होंने 2019 विश्व कप के बाद 2023 विश्व कप में भी 500 से अधिक रन बनाए. इनसे पहले किसी भी बल्लेबाज ने लगातार दो विश्व कप मुकाबले में 500 रन नहीं बनाया है. 2019 में एक शानदार प्रदर्शन के बाद, जिसमें रिकॉर्ड पांच शतकों के साथ 648 रन बनाए गए, रोहित ने रविवार को घरेलू टूर्नामेंट के भारत के अंतिम लीग गेम में नीदरलैंड के खिलाफ अर्धशतक के साथ 500 रन का आंकड़ा पार किया. फिर भी यह गेंद का प्रभाव था जो बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में भारत की 160 रन की जीत के अंत में सबसे बड़ा चर्चा का विषय बन गया क्योंकि भारतीय कप्तान ने 11 साल में पहली बार एकदिवसीय विकेट लिया.
मैच के दौरान विराट कोहली ने भी गेंदबाजी की, उन्होंने नीदरलैंड के कप्तान स्कॉट एडवर्ड्स को आउट करके नौ साल में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय विकेट लिया. पारी के दौरान उन्होंने तीन ओवर गेंदबाजी की और 13 रन देकर 1 विकेट चटकाए. अपना पहला अंतरराष्ट्रीय विकेट हासिल करने के तुरंत बाद , रोहित ने इस विश्व कप में पहली बार खुद को गेंदबाजी में शामिल किया. 48वें ओवर में जब नीदरलैंड्स के नौ विकेट गिर गए थे तब गेंदबाजी में आए रोहित शर्मा ने गेंदबाजी के दौरान अपनी चौथी गेंद पर तेजा निदामानुरू ने एक फ्लैट गेंद पर छक्का जड़ दिया, लेकिन अगली ही गेंद पर कप्तान ने वापसी कर ली. उन्होंने डिलीवरी को और अधिक उड़ान दी और निदामानुरु एक बार फिर अधिकतम प्रयास के लिए गए, लेकिन यह बल्ले के मध्य भाग से ऊपर आ गया. गेंद ने बेहतरीन उड़ान तो भरी पर निश्चित दूरी तय नहीं कर पाई और शमी ने एक आसान कैच पकड़ा. 11 साल में एक दिवसीय क्रिकेट में यह रोहित का पहला विकेट था, आखिरी विकेट 2012 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच के दौरान मेलबर्न में मिली थी.
मैच एक दोरान विकेट लेने के साथ ही रोहित 20 साल में विश्व कप मैच में विकेट लेने वाले पहले भारतीय कप्तान बन गए. आखिरी भारतीय कप्तान सौरव गांगुली थे, जिन्होंने टूर्नामेंट के 2003 संस्करण में जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच में सिर्फ पांच ओवर में तीन विकेट लिए थे. यह उपलब्धि हासिल करने वाले एकमात्र अन्य कप्तान महान कपिल देव थे, जिन्होंने 1983 और 1987 विश्व कप में 17 विकेट लिए थे.