जोहानिसबर्ग : क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए), ग्रीम स्मिथ और एबी डिविलियर्स जैसे कुछ शीर्ष पूर्व खिलाड़ियों पर सामाजिक न्याय और राष्ट्र-निर्माण (एसजेएन) आयोग द्वारा खिलाड़ियों के खिलाफ नस्लीय “पूर्वाग्रही आचरण” में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. ‘ईएसपीएन क्रिकइन्फो’ के मुताबिक, एसजेएन आयोग की प्रमुख दुमिसा नटसेबेजा द्वारा सौंपी गयी 235 पन्नों की अंतिम रिपोर्ट में सीएसए प्रशासन, पूर्व कप्तान और मौजूदा निदेशक स्मिथ, मौजूदा मुख्य कोच मार्क बाउचर और पूर्व बल्लेबाज डिविलियर्स पर अश्वेत खिलाड़ियों के साथ गलत तरीके से भेदभाव करने का आरोप लगाया गया है.
हाल ही में संन्यास लेने वाले दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट में काफी प्रशंसित खिलाड़ी एबी डिविलियर्स ने इस आरोप से इनकार किया है. उन्होंने ट्वीट किया कि मैं क्रिकेट में समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए सीएसए की सामाजिक न्याय और राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया के उद्देश्यों का समर्थन करता हूं. हालांकि, अपने करियर में, मैंने केवल इस आधार पर ईमानदार राय व्यक्त की कि मुझे क्या लगता है कि टीम के लिए सबसे अच्छा है.
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रिपोर्ट में दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट में नस्ल और लिंग आधारित शिकायतों से निपटने के लिए एक स्थायी लोकपाल की नियुक्ति की सिफारिश की गयी है. रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गयी है कि सीएसए एक गुमनाम शिकायत नीति बनाए. यह मुद्दा तब सामने आया जब बाउचर और पूर्व स्पिनर पॉल एडम्स ने गवाही दी कि नश्ल के आधार पर उन्हें उए उपनाम दिया गया था.
एसजेएन आयोग की रिपोर्ट में 2012 में बाउचर की सेवानिवृत्ति के बाद राष्ट्रीय पक्ष में थामी सोलेकिले के चयन नहीं किये जाने का भी उल्लेख किया गया है. वेबसाइट के अनुसार पैनल का निर्णय पूरी तरह से तर्कहीन था और प्रणालीगत नस्लवाद के स्पष्ट संकेत दिखाता है. सीएसए, मिस्टर ग्रीम स्मिथ और उस समय के कुछ चयनकर्ताओं ने मिस्टर सोलेकिले और इस समय के कई अश्वेत खिलाड़ियों को कई मायनों में विफल कर दिया.
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सीएसए ने कहा है कि एसजेएन प्रक्रिया जो शुरू में चार महीने तक चलने वाली थी, लेकिन छह से अधिक तक बढ़ा दी गयी थी. बता दें कि आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप 2021 के दौरान एक मुहिम ब्लैक लाइव मैटर्स के नाम से चलाया गया. इसके समर्थन में सभी टीमों के खिलाड़ियों को मैच शुरू होने से पहले घुटने के बल बैठना था. सभी टीमों ने इसका अनुसरण किया था.