भारतीय ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा ने तीसरे महिला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में चार्ली डीन को रन आउट करने के फैसले का बचाव करते हुए सोमवार को यहां कहा कि इंग्लैंड टीम की इस बल्लेबाज को आउट करने से पहले कई बार आगाह किया गया था. दीप्ति ने नॉन स्ट्राइक छोर पर गेंदबाजी करने से पहले आगे निकल गयी डीन को रन आउट किया जिससे भारत यह मैच जीतने में सफल रहा. चार्ली डीन तब 47 रन पर खेल रही थी और इंग्लैंड को जीत के लिए 17 रन की दरकार थी.
यह रन आउट खेल के नियमों के अनुसार था लेकिन इंग्लैंड के खिलाड़ी इससे खुश नहीं थे. दीप्ति के इस तरीके ने एक बार फिर से ‘खेल भावना’ को लेकर बहस शुरू कर दी. दीप्ति शर्मा ने इंग्लैंड से भारत वापस पहुंचने के बाद कहा, ‘यह हमारी योजना थी क्योंकि वो बार बार ऐसा कर रही थी हम पहले ही उसे चेतावनी दे चुके थे. हमने नियमों और दिशा-निर्देशों के मुताबिक अपना काम किया.’
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रन आउट के इस तरीके को फिलहाल ‘अनुचित तरीके’ में रखा गया है लेकिन अगले महीने से लागू होने वाले आईसीसी खेल के नियमों में इसे ‘रन आउट’ की श्रेणी में कर दिया जायेगा. दीप्ति ने कहा कि टीम के खिलाड़ियों ने डीन को आउट करने से पहले अंपायर को भी उनके बार-बार क्रीज से बाहर निकलने के बारे में बताया था. उन्होंने कहा, ‘अंपायर को बोला था हम लोगों ने, फिर भी वह बाहर निकल रही थी. ऐसे में हम लोग कुछ नहीं कर सकते थे.’
पच्चीस साल की दीप्ति ने कहा कि टीम झूलन गोस्वामी को जीत के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदाई देना चाहती थी. झूलन गोस्वामी का यह आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच था. उन्होंने कहा, ‘हर टीम को जीतना होता है. उनके आखिरी मैच में हम चाहते थे कि हम जीत के साथ उन्हें विदाई दे. उसके हिसाब से टीम के तौर पर हम जो कर सकते थे वह हमने किया.’ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 355 विकेट लेने वाली झूलन और दीप्ति घरेलू क्रिकेट में बंगाल का प्रतिनिधित्व करते हैं. इंग्लैंड के सफल दौरे से यहां पहुंचने पर दोनों का शानदार स्वागत किया गया.
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