भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने खुलासा किया कि उन्होंने टीम के साथ अपने दो कार्यकाल के दौरान एक भी चयन बैठक में भाग नहीं लिया है. शास्त्री का 2014 और 2021 के बीच राष्ट्रीय टीम के साथ पहले टीम निदेशक के रूप में और फिर टीम के मुख्य कोच के रूप में सात साल का कार्यकाल रहा. 2021 टी20 विश्व कप से भारत के बाहर होने के बाद उनकी जगह राहुल द्रविड़ ने ली थी.
ESPNCricinfo के साथ एक साक्षात्कार में रवि शास्त्री से पूछा गया कि चयन प्रक्रिया वास्तव में कैसी होती है और उनके जवाब ने चैट शो के होस्ट को भी आश्चर्यचकित कर दिया. उन्होंने कहा कि मेरे पास चयन बैठकों में भाग लेने का प्रत्यक्ष अनुभव शून्य है. सात साल मैं टीम का हिस्सा था, लेकिन मैं कभी भी चयन बैठक के पास नहीं गया, या मुझे आमंत्रित नहीं किया गया था.
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शास्त्री ने कहा कि मुझे लगता है कि एक कोच को इस बैठक में आमंत्रित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आप खिलाड़ियों के साथ बहुत समय बिताते हैं. ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि आप भी जानें कि चयनकर्ता किन चीजों पर क्या सोचते हैं. बैठक के बारे में उन्होंने कहा कि मुझे कोई अंदाजा नहीं है कि यह कैसे शुरू होता है और कैसे समाप्त होता है. बैठक में कौन-कौन होते हैं. शास्त्री ने हालांकि, यह भी बताया कि कैसे चयन बैठकों में उनकी उपस्थिति क्रिकेटरों के साथ उनके संबंधों को बदल सकती थी.
उन्होंने कहा कि मुझे खिलाड़ी के भरोसे की जरूरत थी. अगर कोई खिलाड़ी जानता है कि मैं एक चयनकर्ता हूं या मैं चयनसमिति के अध्यक्ष को प्रभावित कर सकता हूं, तो क्या वह मेरे साथ खुल पायेगा? क्या वह मुझ पर उतना ही भरोसा करेगा? मेरे दृष्टिकोण से, इसीलिए मैंने सोचा कि दूर रहना सबसे अच्छा है, लेकिन लंबे समय में, खासकर जब एक टीम पुनर्निर्माण के चरण में हो, तो यह बेहद महत्वपूर्ण है कि एक कोच जो खिलाड़ियों के साथ बहुत समय बिताता है उसे जानकारी दी जाए.